भारत-इज़राइल द्विपक्षीय निवेश संधि
- 09 Sep 2025
8 सितंबर, 2025 को इज़राइल के वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोटरिच ने भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के बीच निवेश, निर्यात एवं व्यापार सहयोग को नई दिशा मिलेगी।
मुख्य तथ्य:
- संधि का महत्व: यह संधि भारत-इज़राइल निवेशकों के लिए पारस्परिक निवेश एवं व्यापार को सुरक्षित करेगी और आर्थिक विकास के लिए नवाचार एवं सुरक्षा के नए द्वार खोलेगी; OECD सदस्य देशों में इज़राइल पहला राज्य है, जिसके साथ भारत ने अपने ‘नए मॉडल’ के तहत निवेश संधि की।
- नये अवसर: इज़राइल के आर्थिक क्षेत्र के नए द्वार, जैसे—निर्माण क्षेत्र में भारतीय श्रमिकों की भागीदारी, तकनीकी, अधोसंरचना व रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
- प्रतिनिधि कार्यालय: इज़राइल अब भारत में प्रतिनिधि दफ्तर खोलने की संभावना का परीक्षण कर रहा है, जिससे कारोबार और संपर्कों को और आसान बनाया जा सके।
- पुरानी संधि की प्रतिस्थापना : नई संधि 1996 की पुरानी द्विपक्षीय निवेश संधि को प्रतिस्थापित करेगी, और दोनों देशों के निवेशकों को विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में विकास के नए औजार प्रदान करेगी।
- सैन्य घटनाक्रम: इस संधि पर हस्ताक्षर ऐसे समय हुए जब इज़राइल गाजा में सैन्य अभियानों को तेज़ कर रहा है, और कई पश्चिमी देशों ने स्मोटरिच पर प्रतिबंध लगाए हैं, वहीं भारत के तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी लंबित है।
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