आधार कार्ड निर्वाचन पहचान पत्र के रूप में मान्य
- 09 Sep 2025
8 सितंबर, 2025 को उच्चतम न्यायलय की न्यायमूर्ति सूर्यकांत व जॉयमल्या बागची की खंडपीठ ने बिहार में मतदान योग्यता (वोटर लिस्ट संशोधन) के लिए आधार कार्ड को 12वें 'सूचक' दस्तावेज के रूप में शामिल करने का आदेश दिया, यह सिर्फ पहचान के प्रमाण के तौर पर उपयोग होगा, नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं।
मुख्य तथ्य:
- आधार पहचान के लिए: अब बिहार में वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने की अर्जी देते समय लोग आधार को पहचान प्रमाण के रूप में पेश कर सकते हैं, जैसे पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र आदि।
- नागरिकता प्रमाण नहीं: उच्चतम न्यायलय ने स्पष्ट किया—आधार केवल पहचान का वैध दस्तावेज है, नागरिकता का नहीं; इस कारण इसे सूची में जोड़ा गया।
- EC को आदेश: चुनाव आयोग (EC) को आदेश—बिहार में मतदान से जुड़े अधिकारी (ERO/BLO) आधार कार्ड को स्वीकार करें, लोगों को प्रचारित कर सूचित करें; कोई अधिकारी आधार स्वीकार करने से इनकार करे तो कार्रवाई।
- संपूर्ण प्रक्रिया: बिहार में 7।89 करोड़ वोटर में से 65 लाख नाम ड्राफ्ट सूची से बाहर, 1 सितंबर तक नाम जोड़ने/हटाने का समय था; EC ने बाद में यह सीमा बढ़ा दी।
- सुनवाई की वजह: उच्चतम न्यायालय ने आधार को पहचान के लिए 10 जुलाई, 14 अगस्त, और 22 अगस्त को स्वीकार करने के निर्देश दिए थे, लेकिन BLO अधिकारियों द्वारा आधार को स्वीकार न करना कोर्ट की अवमानना माना गया।
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