भारत में बिजली क्षेत्र से CO₂ उत्सर्जन में गिरावट

  • 18 Sep 2025

17 सितंबर, 2025 को सेन्टर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) द्वारा प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार, जनवरी-जून 2025 के दौरान भारत के बिजली क्षेत्र से कार्बन डाइऑक्साइड(CO₂) उत्सर्जन में पहली बार 1% की गिरावट दर्ज हुई। यह गिरावट कोविड वर्षों को छोड़कर पहली बार है, और मुख्य वजह नवीनीकृत ऊर्जा की रिकॉर्ड स्थापना, हल्के तापमान व अच्छी बारिश रही ।

मुख्य तथ्य:

  • CO उत्सर्जन में गिरावट: बिजली क्षेत्र से उत्सर्जन में 1% की गिरावट, जबकि कुल बिजली उत्पादन 9 TWh बढ़ा; कोयला आधारित बिजली 29 TWh घट गई।
  • नवीनीकृत ऊर्जा का योगदान: जनवरी-जून 2025 में भारत ने 25.1 GW गैर-जीवाश्म ईंधन आधारभूत विद्युत क्षमता जोड़ी, जो पिछले वर्ष से 69% अधिक है; सौर-17 TWh, पवन-9 TWh, जलविद्युत-9 TWh, आणविक-3 TWh उत्पादन में वृद्धि हुई।
  • भविष्य का रुझान: यदि यह स्वच्छ ऊर्जा प्रवृत्ति जारी रही, तो बिजली क्षेत्र का उत्सर्जन 2030 से पहले ही शीर्ष पर पहुँच सकता है; भारत ने 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म विद्युत का लक्ष्य रखा है।
  • अन्य क्षेत्र और निष्कर्ष: स्टील-सीमेंट जैसे अन्य क्षेत्रों में उत्सर्जन में वृद्धि हुई; लेकिन बिजली क्षेत्र में यह रुकावट उत्सर्जन वृद्धि की दर में वैश्विक बदलाव का संकेत है।
  • सेन्टर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA): CREA भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायु प्रदूषण और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर वैज्ञानिक डेटा, मॉडलिंग और विश्लेषण प्रदान करके स्वच्छ वायु के लिए काम कर रहे साझेदारों का समर्थन करने के लिए एक विश्वसनीय स्रोत है।