सऊदी अरब-पाकिस्तान सामूहिक रक्षा समझौता
- 19 Sep 2025
18 सितम्बर, 2025 को रियाद में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऐतिहासिक सामरिक रक्षा समझौते (Strategic Mutual Defense Agreement – SMDA) पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार “किसी एक देश पर हमला, दोनों पर हमला” माना जाएगा।
मुख्य तथ्य:
- समझौते का स्वरूप: यह पहला औपचारिक रक्षा समझौता है जिसमें जिस देश पर आक्रमण होगी, उसे दोनों पर आक्रमण माना जाएगा साथ ही इसमें सैन्य प्रतिक्रिया व संयुक्त प्रतिरोध की गारंटी दी गई है।
- पृष्ठभूमि: यह समझौता इज़राइल द्वारा क़तर में हालिया हमलों, गजा युद्ध, और क्षेत्रीय अस्थिरता के परिप्रेक्ष्य में हुआ; सऊदी अरब की सुरक्षा ज़रूरतें, अमेरिकी रक्षा गारंटी पर बढ़ती असहमति व पाकिस्तानी परमाणु क्षमताओं पर भरोसा मुख्य कारक बने।
- परमाणु आयाम: पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, समझौते में परमाणु सुरक्षा “प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष” रूप से शामिल हो सकती है; पाकिस्तान इस्लामी दुनिया का एकमात्र ‘न्यूक्लियर स्टेट’ है, और अतीत में सऊदी फंडिंग से इसका परमाणु कार्यक्रम चला था।
- सैन्य साझेदारी का इतिहास: सऊदी अरब-पाकिस्तान रक्षा साझेदारी 1960 के दशक से चली आ रही है; पाकिस्तानी सेना पवित्र इस्लामी स्थलों की रक्षा के लिए लंबे समय से तैनात रही है।
- क्षेत्रीय/वैश्विक प्रभाव: इस समझौते से इस्लामिक 'NATO' जैसा नया सुरक्षा तंत्र पैदा हो सकता है; भारत, ईरान, इज़राइल व पश्चिमी शक्तियों के लिए रणनीतिक समीकरण बदलेंगे; भारत ने “राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव” के विस्तृत अध्ययन की बात कही है।
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