भारतीय नौसेना का शिपबिल्डिंग कार्यक्रम
- 23 Sep 2025
22 सितम्बर, 2025 को वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना अपनी अब तक की सबसे बड़ी शिपबिल्डिंग योजना चला रही है, जिसमें 54 जहाज विभिन्न चरणों में भारतीय शिपयार्डों में निर्माणाधीन हैं। इस वर्ष दिसंबर तक 10 नए युद्धपोत नौसेना में शामिल किए जाएंगे। यह पहल भारत की दीर्घकालीन समुद्री सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है।
मुख्य तथ्य:
- जहाज निर्माण की संख्या: 54 जहाज निर्माणाधीन, जिसमें विभिन्न प्रकार के युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं।
- शामिल करने का लक्ष्य: 2030 तक सभी 54 जहाज नौसेना में शामिल होने की उम्मीद; 2035 तक नौसेना की संख्या 200 से अधिक युद्धपोत एवं पनडुब्बियों तक बढ़ानी है।
- स्वदेशी उत्पादन: नौसेना ने ‘खरीदार नौसेना’ से ‘निर्माता नौसेना’ में परिवर्तन किया है, जिसमें अधिकांश जहाज भारत में बन रहे हैं।
- हाल की पहल: जुलाई 2025 में INS तमाल को रूस से अंतिम विदेशी युद्धपोत के रूप में शामिल किया गया, वहीं INS एंड्रोथ जैसे जहाज महत्वपूर्ण भारतीय शिपयार्ड जैसे GRSE में बने।
- आर्थिक पहलू: यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत है, जो रक्षा निर्माण में स्वावलंबन बढ़ा रही है और सहायक उद्योगों में रोजगार सृजन कर रही है।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे