‘लास्लो क्रास्नाहोरकई’ को 2025 के साहित्य का नोबेल पुरस्कार

  • 10 Oct 2025

9 अक्टूबर, 2025 को स्वीडिश अकादमी ने हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्लो क्रास्नाहोरकई को “अपोकैलिप्टिक आतंक के बीच, कला की शक्ति की पुन: पुष्टि करने वाली उनकी सशक्त और दूरदर्शी साहित्यिक कृति” के लिए वर्ष 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की।

मुख्य तथ्य:

  • लेखकीय शैली: क्रास्नाहोरकई की लेखनी को बेहद लंबी, दार्शनिक, और एकाकी वाक्य, गूढ़/humor तथा विसंगति (grotesque excess) व निराशा के चित्रण के लिए जाना जाता है।
  • मुख्य रचनाएँ: सैटैंटैंगो (1985), द मेलानचोली ऑफ़ रेसिस्टेंस (1989), वॉर एंड वॉर (1999), बैरन वेन्कहेम की होमकमिंग (2019, जिन्होंने अनुवादित साहित्य के लिए यूएस नेशनल बुक अवार्ड जीता) जैसी रचनाएँ वैश्विक पसंदीदा रचनाएँ।
  • केंद्रीय थीम व विचार: उनकी कहानियों में मध्य व पूर्वी यूरोपीय सामाजिक-राजनीतिक विघटन, सभ्यता/अस्तित्व का असंतुलन, असुरक्षा, सामाजिक अव्यवस्था, मानवीय अकेलापन, और आशा-कला के द्वंद्व गहरे हैं—जो काफ्का औरथॉमस बर्नाड जैसी 'सीरियस यूरोपियन ट्रेडिशन' की साझा विरासत का विस्तार करते हैं।
  • राजनीतिक आलोचक: क्रास्नाहोरकई प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बान की नीतियों के मुखर आलोचक हैं, खासकर यूक्रेन पर रुख को लेकर।
  • पुरस्कार एवं सम्मान: उन्होंने साहित्य का नोबेल (2025) पाने के पूर्व अनुवादित साहित्य के लिए यूएस नेशनल बुक अवार्ड (2019), कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किये हैं ।
  • लास्लो क्रास्नाहोरकई और समकालीन साहित्य: लास्लो क्रास्नाहोरकई का साहित्यिक संसार आधुनिक दार्शनिक दृष्टि, गहरे सामाजिक–राजनीतिक विश्लेषण और भाषा/शिल्प की जटिलता के लिए दुनिया भर में सराहा जाता है। उनकी शैली में “एक वाक्य उपन्यास” (“novel in a sentence”) जैसी विशेष संरचना प्रमुख है। उनकी रचनाएँ आधुनिक यूरोपीय संकट, अस्तित्व की विडंबना, सामाजिक विघटन और कला के पुनरुद्धार के प्रश्नों को अत्यंत विशिष्ट ढंग से प्रस्तुत करती हैं ।