भारत में पौधों और जीव-जंतुओं के लिए 'रेड लिस्ट' सर्वे शुरू
- 10 Oct 2025
9 अक्टूबर, 2025 को पर्यावरण मंत्रालय ने राष्ट्रीय रेड लिस्ट मूल्यांकन (NRLA) योजना का शुभारंभ किया, जिसके तहत करीब 11,000 पौधों और जीव-जंतुओं (फ्लोरा-फौना) की प्रजातियों के विलुप्ति जोखिम का वैज्ञानिक आकलन किया जाएगा।
मुख्य तथ्य:
- उद्देश्य: 2030 तक 'राष्ट्रीय रेड डेटा बुक' प्रकाशित करना, जो भारत की जैव विविधता संरक्षण नीति का आधार बनेगा; यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों (CBD, Kunming–Montreal GBF) की पूर्ति भी करेगा।
- स्कोप: देशभर में लगभग 7,000 पौधों और 4,000 जीव-जंतुओं—कुल 11,000 प्रजातियों—का सर्वे; इसमें जलीय, स्थलीय और समुद्री जीव शामिल हैं।
- पद्धति: IUCN रेड लिस्ट के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार वैज्ञानिक मूल्यांकन—जिसमें प्रजातियों की आबादी, वितरण, प्रवृत्ति, पर्यावास, खतरे और संरक्षण की स्थिति देखी जाएगी।
- मुख्य एजेंसी: परियोजना का संचालन पर्यावरण मंत्रालय, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) और बॉटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (BSI) के माध्यम से किया जाएगा; 300 से अधिक प्रशिक्षित रेड लिस्ट असेसर तैयार किए जाएंगे।
- महत्त्व: जैव विविधता के संरक्षण, नीति निर्माण, संरक्षण लक्ष्य-केंद्रित निवेश, और पारंपरिक/सामुदायिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण में मददगार; स्थानीय से वैश्विक प्रयासों (IUCN Red List) में भारत का योगदान।
- विशेषता: भारत विश्व के 17 मेगा-डायवर्स देश (megadiverse countries) में है, जिसमें चार जैव विविधता हॉटस्पॉट (Western Ghats, हिमालय, इंडो-बर्मा, सुंडालैंड) शामिल हैं।
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