केरल बनेगा भारत का पहला ‘गरीबी मुक्त’ राज्य
- 23 Oct 2025
22 अक्टूबर, 2025 को केरल सरकार ने घोषणा की कि राज्य 1 नवंबर, 2025 को औपचारिक रूप से चरम गरीबी से मुक्त घोषित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक उपलब्धि 2021 में शुरू की गई ‘अतिदारिद्र्य निर्मार्जन परियोजना ’ (Extreme Poverty Eradication Project – EPEP) के माध्यम से संभव हुई। इस परियोजना का उद्देश्य उन परिवारों तक पहुंच बनाना था जो किसी भी सरकारी सहायता तंत्र से बाहर रह गए थे।
मुख्य बिंदु :
- चरम गरीबी की पहचान और पुनर्वास: राज्यव्यापी सर्वेक्षण के बाद 64,006 परिवारों (1,03,099 व्यक्ति) को ‘अत्यंत गरीब’ के रूप में पहचाना गया। इन परिवारों को खाद्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और आवास जैसी न्यूनतम आवश्यकताओं तक पहुंच प्रदान की गई।
- राज्य द्वारा अपनाई गई रणनीति: परियोजना स्थानीय स्वशासन विभाग (LSGD) के तहत चलाई गई। प्रत्येक परिवार के लिए माइक्रो-प्लान बनाया गया ताकि उसकी विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक जरूरतों जैसे पोषण, स्वास्थ्य सुरक्षा और रोजगार सुनिश्चित किए जा सकें। परियोजना की निगरानी मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रत्यक्ष रूप से की। धर्मदम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सबसे पहले ‘चरम गरीबी मुक्त क्षेत्र’ घोषित हुआ।
- केरल की उपलब्धि:
- केरल देश का पहला और विश्व का (चीन के बाद) दूसरा ऐसा क्षेत्र बना जिसने चरम गरीबी का शत-प्रतिशत उन्मूलन किया।
- नीति आयोग के अनुसार, राज्य की गरीबी दर केवल 0.7% है- जो देश में सबसे कम है।
- परियोजना पर ₹1,000 करोड़ से अधिक खर्च किए गए।
- लगभग 21,263 लोगों को पहचान पत्र, राशन कार्ड और आधार जैसी आवश्यक पहचान दस्तावेज प्राप्त हुए।
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