आईटी उद्योग भारत में कार्बन पदचिह्न का बड़ा कारक: रिपोर्ट
- 05 Nov 2025
3 नवंबर, 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आईटी क्षेत्र व्यापारिक हवाई यात्राओं के चलते देश के कार्बन उत्सर्जन में बड़ी हिस्सेदारी रखता है। यह रिपोर्ट cBalance.in द्वारा तैयार की गई है, जो जलवायु संकट प्रबंधन और रणनीति विकास के लिए टूल्स विकसित करता है।
मुख्य तथ्य:
- रिपोर्ट सिफारिशें: आईटी कंपनियों को सुझाव दिया गया है कि वे टिकाऊ यात्रा नीति अपनाएं जैसे कि इकोनॉमी फ्लाइट, नॉन-स्टॉप उड़ान, ट्रेन या बस का ज्यादा इस्तेमाल, और बार-बार हवाई यात्रा पर सीमा निर्धारित करें।
- उत्सर्जन का तुलनात्मक आंकड़ा: 1,000 किलोमीटर यात्रा में हवाई यात्री हर किलोमीटर पर 285 किलोग्राम CO2 उत्सर्जित करता है, जबकि एसी रेल में यही यात्री 30 किलोग्राम और एसी बस में 70 किलोग्राम CO2 प्रति किलोमीटर उत्सर्जित करता है।
- वायु यात्रा का प्रभाव: रिपोर्ट के अनुसार, हवाई यात्रा जो दक्षता के फायदे देती दिखती है, वास्तव में सबसे अधिक प्रदूषणकारी यात्रा तरीका है।
- आईटी उद्योग की भूमिका: तेजी से बढ़ती आईटी कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की घरेलू और विदेशी यात्राओं में हवाई यात्रा का अधिक उपयोग कर रही हैं, जिससे व्यापारिक आधार पर वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
- जलवायु कार्यनीति: रिपोर्ट में कंपनियों को यात्रा-नीति सुधार और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
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