ग्रेट निकोबार परियोजना हेतु आदिवासी भूमि का डिनोटिफिकेशन

  • 05 Nov 2025

3 नवंबर, 2025 को अंडमान-निकोबार प्रशासन ने ग्रेट निकोबार द्वीप पर व्यापक ₹92,000 करोड़ के मेगा-इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के तहत आदिवासी आरक्षित भूमि के डिनोटिफिकेशन एवं रिनोटिफिकेशन के लिए एक जियोग्राफिक सूचना प्रणाली (GIS) पर आधारित नक्शा तैयार किया है।

मुख्य तथ्य:

  • डिनोटिफिकेशन की प्रक्रिया: आदिवासी आरक्षित भूमि जैसे फरीदाबाद, ग़ाज़ियाबाद, बिजवासन के क्षेत्रों में भूमि को डिनोटिफाई किया जाएगा, साथ ही टावरों के लिए उपयुक्त स्थानों का चयन भी सहायक आयुक्त कैंपबेल बे और अंडमान आदिम जनजाति विकास समिति के साथ परामर्श के बाद किया जाएगा।
  • परियोजना का पैमाना: ग्रेट निकोबार परियोजना में ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह, एयरपोर्ट, पावर प्लांट और एक टाउनशिप विकसित की जाएगी।
  • सामाजिक और कानूनी विवाद: स्थानीय आदिवासी समुदायों, विशेष रूप से शॉंपेन और निकोबरेसे, के वन अधिकार अभी तक पूरी तरह से कायम नहीं हुए हैं और कोर्ट में इनके कानूनन सुरक्षा की चुनौती दी गई है।
  • योजना और तैयारियां: ‘कमप्रिहेंसिव ट्राइबल वेलफेयर प्लान’ अगले महीने तैयार होगा जो आदिवासी कल्याण के लिए होगा।
  • पर्यावरणीय मुद्दे: आदिवासी क्षेत्रों और वनाधिकारों से जुड़े विवादों के बावजूद पर्यावरण मंजूरी चुनौतीपूर्ण स्थिति में है, जिससे परियोजना के स्थायी प्रभावों पर सवाल उठते हैं।