भारत के उपनिवेशकालीन संपत्ति कानूनों में सुधार की आवश्यकता

  • 08 Nov 2025

7 नवंबर, 2025 को उच्चतम न्यायलय ने देश के प्राचीन संपत्ति कानूनों में सुधार के लिए कानून आयोग को रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया, जिसमें आधुनिक तकनीक जैसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग भी शामिल है।

मुख्य तथ्य:

  • न्यायालय की टिप्पणी: बेंच के न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जॉयमल्या बागची ने बताया कि भारत के वर्तमान संपत्ति पंजीकरण और स्वामित्व में बड़ा अंतर है, जिससे झूठी और धोखाधड़ी वाली दस्तावेजी स्थिति, भूमि अतिक्रमण और दावे के बीच जटिलता बढ़ती है।
  • मुकदमों का प्रतिशत: संपत्ति विवादों से कुल सिविल मुकदमों का लगभग 66% भाग होता है।
  • निर्णय: बिहार सरकार के नियम 19 की धारा को रद्द करते हुए कहा कि पंजीकरण के लिए विक्रेता द्वारा जमाबंदी प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं।
  • प्रस्तावित सुधार: अदालत ने सुझाव दिया है कि भारत को पारंपरिक 'प्रेसंप्टिव' टाइटल सिस्टम से हटकर 'कन्कलूसिव' (निष्पक्ष और निश्चित) स्वामित्व प्रणाली की ओर जाना चाहिए, जिसमें राज्य स्वामित्व की गारंटी दे और पंजीकरण स्वामित्व का प्रमाण बने।
  • ब्लॉकचेन की भूमिका: ब्लॉकचेन आधारित प्रणाली से संपत्ति के अधिकार, हस्तांतरण, स्वामित्व और रिकॉर्ड को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
  • टाइटल सिस्टम (Title System) : संपत्ति स्वामित्व के प्रति कानूनी अधिकार और इसका सार्वजनिक पंजीकरण दर्शाता है। भारत में मौजूदा व्यवस्था में पंजीकरण एक सार्वजनिक रिकॉर्ड मात्र होता है, जो स्वामित्व की गारंटी नहीं देता, जिससे खरीदारों को व्यापक जांच करनी पड़ती है।