विकसित भारत "जी-राम-जी विधेयक, 2025" लोकसभा में प्रस्तुत

  • 17 Dec 2025

16 दिसंबर, 2025 को केन्द्र सरकार ने लोकसभा में विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन-ग्रामीण विधेयक वीबी-जी-राम-जी विधेयक,2025 प्रस्तुत किया, जो लगभग दो दशक पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव रखता है।

मुख्य तथ्य:

  • विधेयक का उद्देश्य: ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह विधेयक ग्रामीण विकास, कृषि–श्रम संतुलन और “गांधीजी के सिद्धांतों के अनुरूप” गाँवों में “राम राज्य” स्थापित करने के लक्ष्य के साथ लाया गया है।
  • MGNREGA का स्थानापन्न: VB–GRAM G विधेयक MGNREGA के मांग–आधारित अधिकार–आधारित ढाँचे की जगह एक पूर्व–निर्धारित बजट–आधारित संरचना प्रस्तावित करता है, जिसे विपक्ष ने गरीबों के रोजगार–अधिकारों को कमजोर करने वाला बताया।
  • विपक्ष का विरोध: कांग्रेस व अन्य दलों ने गांधीजी का नाम हटाए जाने, अधिकार–आधारित संरचना के ह्रास और निर्णय–निर्माण के केन्द्रीकरण पर कड़ा विरोध जताया; सांसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा तक मार्च कर विधेयक को संसदीय समिति/सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग कर रहे थे।
  • वित्तीय साझेदारी पर आपत्ति: विपक्षी नेताओं ने केन्द्र की फंडिंग हिस्सेदारी 90% से घटाकर 60% करने के प्रस्ताव को राज्यों की पहले से तनावग्रस्त वित्तीय स्थिति (विशेषकर GST क्षतिपूर्ति में देरी) पर अतिरिक्त बोझ बताया।
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 : यह एक अधिकार–आधारित (Rights–Based) कानून है, जो ग्रामीण परिवारों को प्रति वर्ष कम से कम 100 दिन के अकुशल मजदूरी–युक्त कार्य का कानूनी अधिकार देता है। यह “मांग–आधारित” योजना है, जिसमें काम माँगने पर ग्राम पंचायत के लिए निर्धारित समयावधि में काम उपलब्ध कराना अनिवार्य होता है; ऐसा न होने पर बेरोज़गारी भत्ता देना पड़ता है।