आकाशगंगा में पहली बार ‘तीव्र रेडियो प्रस्फोट‘

  • 07 Nov 2020

जर्नल 'नेचर' के एक हालिया संस्करण में प्रकाशित नवीनतम अध्ययन के अनुसार खगोल वैज्ञानिकों ने हमारी आकशगंगा ‘मिल्कीवे’ में 'तीव्र रेडियो प्रस्फोट' (Fast Radio Bursts- FRB) के रूप में जानी जाने वाली रेडियो तरंगों की तीव्र स्पंदन का पता लगाया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: अब तक, अन्य आकाशगंगाओं में अक्सर इस प्रकार के FRBs का पता चलता रहा है। FRBs पहली बार 2007 में खोजे गए थे।

  • FRBs वास्तव में एक दुर्लभ प्रकार के न्यूट्रॉन तारों द्वारा उत्पन्न होते हैं जिन्हें 'मैग्नेटर' के रूप में जाना जाता है।
  • ब्रह्मांड में मैग्नेटर सबसे शक्तिशाली चुम्बकीय तारे हैं। उनके चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में 5,000 ट्रिलियन गुना अधिक शक्तिशाली हैं।
  • दो रेडियो दूरबीन, एक संयुक्त राज्य अमेरिका में और दूसरा कनाडा में, ने इस साल 28 अप्रैल को एक FRB का पता लगाया। इसका नाम 'FRB 200428' रखा गया।
  • FRB का स्रोत 'SGR 1935 + 2154' नामक मैग्नेटर है, जो पृथ्वी से लगभग 30,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। ये ‘मैग्नेटर’ आकाशगंगा के केंद्र में वल्पेकुला (Vulpecula) तारामंडल में स्थित है।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार इस मैग्नेटर द्वारा उत्पन्न एफआरबी इतना शक्तिशाली था, कि यह एक मिलीसेकंड में उतनी ही ऊर्जा उत्सर्जित करता था, जितना सूर्य 30 सेकंड में करता है।
  • एफआरबी न केवल पृथ्वी के पास दर्ज किया गया अब तक का निकटतम सिग्नल था, बल्कि यह अब तक खोजे गए किसी भी अन्य मैग्नेटर रेडियो सिग्नल की तुलना में 3,000 गुना चमकदार था।