‘वाइन स्नेक’ की नई प्रजातियों की खोज

  • 01 Dec 2020

नवंबर 2020 में सेंटर फॉर इकोलॉजिकल साइंसेज (सीईएस), भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने प्रायद्वीपीय भारत में वाइन स्नेक (vine snakes) की नई प्रजातियों की खोज की है।

महत्वपूर्ण तथ्य: वाइन स्नेक प्रायद्वीपीय भारत में सबसे आम सांपों में से एक के रूप में जाना जाता है, यहां तक कि यह कई शहरी क्षेत्रों के आस-पास भी पाया जाता है जहां कुछ हरियाली हो, और पश्चिमी घाट में।

  • पूरे महाद्वीप में वितरित एशियाई वाइन स्नेक, 'अहैतुल्ला' (Ahaetulla) वंश और हाल ही में वर्णित 'प्राहेतुल्ला' (Proahaetulla) वंश से संबंधित हैं।
  • टीम को पश्चिमी घाटों के वर्षावनों में ही चार अलग-अलग छोटे शरीर वाली और छोटी नाक वाली प्रजातियाँ मिलीं: ‘उत्तरी पश्चिमी घाट वाइन स्नेक’ (Ahaetulla borealis); ‘फर्नस्वर्थ वाइन स्नेक’ (Ahaetulla farnsworthi); ‘मालाबार वाइन स्नेक’ (Ahaetulla malabarica); और ‘वॉल्स वाइन स्नेक’ (Ahaetulla isabellina)।
  • टीम ने त्रावणकोर वेल स्नेक (Ahaetulla travancorica) को भी वर्णित किया, जिसे आकृति विज्ञान और भौगोलिक अवरोध द्वारा ‘गनथर वाइन स्नेक’ (Ahaetulla dispar) से अलग किया गया।
  • अंत में, उन्होंने पश्चिमी घाट और श्रीलंका में पाए जाने वाले भूरे वाइन स्नेक (brown vine snake) के बीच रूपात्मक भेद को मान्यता दी और पश्चिमी घाट की प्रजाति को एक नया नाम 'अहैतुल्ला सह्याद्रेंसिस' (Ahaetulla sahyadrensis) दिया।
  • पश्चिमी घाट में अब ‘वाइन स्नेक’ की छ: प्रजातियां स्थानिक हैं।