एफएसएसएआई ने घटाई खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट की सीमा

  • 27 Jan 2021

जनवरी 2021 में, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर रोक एवं प्रतिबंध) विनियम [Food Safety and Standards (Prohibition and Restriction on Sales) Regulations] में संशोधन करते हुए तेल और वसा में ट्रांस फैटी एसिड (Trans Fatty Acids -TFA) की मात्रा वर्ष 2021 के लिए 3% और वर्ष 2022 में 2% तक निर्धारित की गयी है। वर्तमान में, खाद्य पदार्थो में ट्रांस फैटी एसिड का अनुमेय स्तर 5% है।

महत्वपूर्ण तथ्य: संशोधित विनियमन रिफाइंड खाद्य तेलों, वनस्पति (आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेल), मार्जरीन (कृत्रिम मक्खन), बेकरी से संबंधित वस्तुओं तथा खाना पकाने में प्रयुक्त होने वाले अन्य माध्यमों जैसे कि वनस्पति वसा और मिश्रित वसा पर लागू होंगे।

  • ट्रांस फैट्स का संबंध दिल के दौरा पड़ने संबंधी जोखिम में वृद्धि और हृदय रोग से होने वाली मौतों से होता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैटी एसिड के सेवन से वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष लगभग 4 लाख मौतें होती हैं। WHO द्वारा वर्ष 2023 तक ट्रांस फैट्स के वैश्विक उन्मूलन का आह्वान किया गया है।

ट्रांस फैट: ट्रांस फैट, या ट्रांस-फैटी एसिड, असंतृप्त फैटी एसिड होते हैं। ये शरीर के लिए सबसे हानिकारक प्रकार के वसा होते हैं।

  • इस वसा को अधिकांशतः कृत्रिम रूप से निर्मित किया जाता है, हालंकि, कुछ मात्रा में प्राकृतिक रूप से ट्रांस फैट जुगाली करने वालों पशुओं (गायों और भेड़ों) में मिलता है।
  • कृत्रिम ट्रांस फैटी एसिड (TFAs) को हाइड्रोजन तथा वनस्पति तेल की अभिक्रिया कराने पर उत्पादित किया जाता है।