भूरे कोयले से हाइड्रोजन उत्पादन

  • 13 Mar 2021

एक जापानी-ऑस्ट्रेलियाई उद्यम ने 500 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (390 मिलियन डॉलर) के पायलट प्रोजेक्ट में भूरे रंग के कोयले से हाइड्रोजन का उत्पादन शुरू किया है।

उद्देश्य: यह दिखाना कि तरलीकृत हाइड्रोजन का व्यावसायिक रूप से उत्पादन किया जा सकता है और इसे विदेशों में सुरक्षित रूप से निर्यात किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण तथ्य: दोनों देशों ने तरलीकृत हाइड्रोजन के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला बनाने तथा दुनिया के पहले तरलीकृत हाइड्रोजन कैरियर पर कार्गो शिपिंग की योजना बनाई है।

  • यह परियोजना उच्च ताप व दाब में ऑक्सीजन और भाप के साथ कोयले पर प्रतिक्रिया करके कार्बन-डाई-ऑक्साइड और अन्य गैसों के साथ हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी।
  • यह परियोजना ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में ब्राउन कोल रिजर्व में स्थित है और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज द्वारा संचालित की जा रही है। यह परियोजना 2050 तक जापान को अपने ‘शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन’ लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी।
  • जापान, जो दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है, ने 2050 तक वार्षिक हाइड्रोजन मांग को दस गुना बढ़ाकर 20 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है। यह देश की वर्तमान बिजली उत्पादन के 40% के बराबर है।
  • ऑस्ट्रेलिया का वैश्विक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) व्यापार पर दबदबा है। ‘तरलीकृत हाइड्रोजन’ इसके गैस और कोयले के लिए एक हरित बाजार प्रदान करेगा।
  • भूरा कोयला या लिग्नाइट कोयला सबसे निचली श्रेणी का कोयला है। भूरे रंग का कोयला कम ऊर्जा कुशल होता है और ग्रीनहाउस गैसों के उच्च स्तर का उत्सर्जन करता है।