लोग धर्म चुनने के लिए स्वतंत्र: सुप्रीम कोर्ट

  • 13 Apr 2021

सुप्रीम कोर्ट ने 9 अप्रैल, 2021 को जबरन धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने के अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि 18 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति अपना धर्म चुनने के लिए स्वतंत्र है।

महत्वपूर्ण तथ्य: याचिका में कहा गया गया था कि अदालत को केंद्र और राज्यों को काले जादू, अंधविश्वास और धमकी या रिश्वत के माध्यम से जबरन धर्मांतरण को नियंत्रित करने का निर्देश देना चाहिए।

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को धर्म के प्रति आस्था, अभ्यास और प्रचार के लिए संविधान के तहत अधिकार है।
  • संविधान का अनुच्छेद- 25 मौलिक रूप से सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाले बिना धर्म को अपनाने, अभ्यास और प्रचार करने का अधिकार देता है।
  • प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म और जीवन साथी को चुनने का अधिकार है। अदालत किसी व्यक्ति के धर्म या जीवन साथी की पसंद के फैसले को गलत नहीं ठहरा सकती है।