गिद्ध संरक्षण

  • 27 Sep 2021

भारत में पहली बार ‘जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र’ (JCBC) से जंगल में छोड़े गए 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' ओरिएंटल सफेद पीठ वाले आठ गिद्ध लगभग एक साल बाद सितंबर 2021 में पक्षीशाला के बाहर आवास में अच्छी तरह से घुल-मिल गए हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य: ओरिएंटल सफेद पीठ वाले गिद्ध, जो अक्टूबर 2020 में, जंगल में छोड़े गए थे, प्रवासी पक्षी नहीं हैं, इसलिए वे बड़े पैमाने पर प्रजनन केंद्र के 50-100 किमी. के दायरे में रहते हैं।

  • इसके अलावा, वे हिमालयी ग्रिफॉन (Himalayan griffon) जैसे अन्य गिद्धों के साथ जंगली झुंड में शामिल होने में कामयाब रहे हैं, जो निश्चित रूप से उत्साहजनक है।
  • 1990 के दशक से गिद्धों की तीन प्रजातियों - ओरिएंटल सफेद पीठ वाले गिद्ध (white-backed vultures), लम्बी-चोंच वाले गिद्ध (Long-billed vultures) और पतली-चोंच वाले गिद्ध (Slender-billed vultures) की आबादी में 97% से अधिक की भारी गिरावट आई है।
  • 'जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र' हरियाणा के पिंजौर में हिमालय की तलहटी की शिवालिक पर्वतमाला में बीर शिकारगाह वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है। इसकी स्थापना 2001 में भारत की गिद्धों की 3 ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ जिप्स प्रजातियों (Gyps species of vultures) में तेजी से गिरावट की जांच के लिए की गई थी।