आदिवासियों के लिए केंद्र-शासित प्रदेश की मांग

  • 18 Oct 2021

10 अक्टूबर, 2021 ओडिशा के कोरापुट जिले में ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के राजनेताओं ने 'दंडकारण्य केंद्र-शासित प्रदेश' की मांग के लिए एक बैठक आयोजित की।

महत्वपूर्ण तथ्य: कोरापुट जिला उस 'दंडकारण्य पुनर्वास परियोजना' का हिस्सा था, जिसमें 1950 के दशक के अंत में, भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) से विस्थापित लोगों को बसाया गया था और इसे 'दंडकारण्य विकास प्राधिकरण' का नाम दिया था। वे ओडिशा और वर्तमान छत्तीसगढ़ में बस गए थे।

  • इस क्षेत्र के आदिवासियों का मानना है कि उन्हें सरकारी नीतियों में न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार द्वारा कभी भी कोई महत्व दिया जाता है।
  • आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले आदिवासी अलग राज्य की मांग कर रहे हैं।
  • इसी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए एक छत्र निकाय 'दंडकारण्य पर्वतमाला विकास परिषद' (DPBP) का गठन किया गया है, जो पिछले कई महीनों से, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच विवादित कोरापुट जिले की कोटिया ग्राम पंचायत के स्थायी समाधान का प्रयास कर रहा है।
  • अविभाजित कोरापुट जिला, जिसे 1936 में गठित किया गया था, ने ओडिशा के साथ बने रहने का फैसला किया था।