चंदन की खेती

  • 18 Oct 2021

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने 11 अक्टूबर, 2021 को बेंगलूरू के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ (Institute of Wood Science and Technology: IWST) के सहयोग से चंदन (Sandalwood) की खेती एवं उसका स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: यह कार्यक्रम भारतीय चंदन की बुनियादी बातों एवं फायदों, बीजों के प्रबंधन, नर्सरी तकनीक और पौधे के स्वास्थ्य प्रबंधन पर आधारित है।

  • चंदन लंबे समय से भारतीय विरासत एवं संस्कृति से जुड़ा हुआ है क्योंकि देश ने चंदन के वैश्विक व्यापार में 85% का योगदान किया था। हालांकि बाद में यह तेजी से घटने लगा है।
  • एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-बायोटिक और कैंसर-रोधी लाभों के साथ चंदन का उपयोग फार्मास्युटिकल्स, पर्सनल केयर और फर्नीचर में होता है।
  • वैश्विक स्तर पर भारत और ऑस्ट्रेलिया चंदन के सबसे बड़े उत्पादक हैं, जबकि सबसे बड़े बाजारों में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान और भारतीय घरेलू बाजार शामिल हैं।
  • 2020 में चंदन का वैश्विक बाजार 30 करोड़ डॉलर था, जबकि विश्व व्यापार अनुसंधान (World Trade Research) ने 2040 तक इस बाजार का आकार 3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जाहिर किया है।