मृदा स्थिरीकरण के लिए तकनीक
- 20 Apr 2022
 
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ताओं ने 'एस पाश्चरी' (S. Pasteurii) नामक एक हानिरहित बैक्टीरिया का उपयोग करके मृदा स्थिरीकरण (soil stabilization) के लिए स्थायी तकनीक विकसित की है।
- महत्वपूर्ण तथ्य: बैक्टीरिया कैल्साइट (calcite) को अवक्षेपित करने के लिए यूरिया को हाइड्रोलाइज करता है; इस प्रक्रिया में खतरनाक रसायन शामिल नहीं होते हैं और प्राकृतिक संसाधनों का स्थायी रूप से उपयोग किया जा सकता है।
 - इसमें बैक्टीरिया का उपयोग कर मृदा के सूक्ष्म छिद्रों में कैल्शियम कार्बोनेट (कैल्साइट) बनाया जाता है, जो अलग-अलग कणों को आपस में मजबूती से जोड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप मृदा/जमीन की पकड़ मजबूत होती है।
 - अध्ययन सूक्ष्मजीवों की मदद से जमीनी स्तर पर मिट्टी की पकड़ मजबूत करने में मदद करेगा। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में और भू-आपदा के दौरान मिट्टी का कटाव कम होगा।
 - अध्ययन के निष्कर्ष अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स के जियोटेक्निकल एंड जियो-एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
 - ‘मृदा स्थिरीकरण’ कृत्रिम साधनों द्वारा मिट्टी को दीर्घकालिक स्थायी शक्ति प्रदान करने की प्रक्रिया है।
 - मृदा स्थिरीकरण के लिए परंपरागत रूप से, यांत्रिक प्रक्रियाएं जैसे कि संपीड़न और रासायनिक प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है।
 
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