'शोध चक्र' पहल

  • 20 May 2022

शोध कार्य में शोधार्थियों और पर्यवेक्षकों की मदद करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 10 मई, 2022 को सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (Information and Library Network: INFLIBNET) केंद्र के सहयोग से 'शोध चक्र' (Shodh Chakra) पहल का शुभारंभ किया है।

(Image Source: https://twitter.com/ugc_india/)

महत्वपूर्ण तथ्य: शोध चक्र ’प्लेटफॉर्म का उद्देश्य शोधार्थियों को आवश्यकता पड़ने पर शोध कार्य को जमा करने, व्यवस्थित करने, संग्रहीत करने और उद्धृत करने (cite) की सुविधा प्रदान करना है।

  • 'शोध चक्र' को गांधीनगर स्थित सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क केंद्र (INFLIBNET) ने विकसित किया है, जो यूजीसी का स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है।

'शोध चक्र' प्लेटफॉर्म की विशेषताएं: शोधार्थियों के लिए संसाधन उपलब्ध कराना, गाइड और शोधार्थियों के बीच संवाद की सुविधा उपलब्ध कराना, शोध कार्य प्रगति पर नजर रखना, प्रशासनिक निगरानी गतिविधियाँ, और भारत में चल रहे शोध क्षेत्रों पर आँकड़े प्रदान करना।

  • यह प्रणाली प्रोफाइल प्रबंधन, रिसर्च टूल्स (research tools) और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करेगी।
  • इस पर शोध सामग्री की समीक्षा करने से लेकर शोध पत्र (थीसिस) प्रस्तुत करने तक सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  • शोधकर्ता आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से लॉगिन करके 'शोध चक्र' की सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी): इसका औपचारिक उद्घाटन 28 दिसंबर, 1953 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद द्वारा किया गया था।

  • देश में विश्वविद्यालयी शिक्षा के मानकों का समन्वय करने, निर्धारण करने तथा रखरखाव करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को औपचारिक रूप से नवंबर 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से भारत सरकार के एक सांविधिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था।
  • प्रो. एम. जगदीश कुमार यूजीसी के अध्यक्ष हैं।