फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स

  • 17 Jun 2022

ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर-फाइनेंसिंगको बढ़ावा देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) ने पाकिस्तान को देशों की 'ग्रे लिस्ट' (Grey List) में बरकरार रखा है। पाकिस्तान जून 2018 से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में है।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के बारे

  • फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) 1989 में पेरिस में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है।
  • यह निकाय अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए मानक निर्धारित करना और कानूनी, नियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देता।
  • किसी देश के धन-शोधन-विरोधी और आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण ढांचे की ताकत का आकलन करता है।
  • इसका मुख्यालय आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) मुख्यालय पेरिस में स्थित है।
  • FATF में वर्तमान में 39 सदस्य हैं जिनमें दो क्षेत्रीय संगठन - यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद शामिल हैं। भारत भी एक संस्था (FATF) का सदस्य है।

FATF की सूचि

  • ग्रे लिस्ट: जिन देशों को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का समर्थन करने के लिए सुरक्षित स्थान माना जाता है, उन्हें FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाता है।
  • ब्लैक सूची: असहयोगी देशों के रूप में जाने जाने वाले देशों को काली सूची में डाल दिया गया है। ये देश आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का समर्थन करते हैं। वर्तमान में, ईरान और उत्तरी कोरिया उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार या काली सूची में हैं।