सेना स्पेक्टैबिलिस : आक्रामक विदेशी प्रजाति

  • 17 Nov 2022

हाल ही में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सेना स्पेक्टाबिलिस (Senna spectabilis) नामक एक आक्रामक विदेशी प्रजाति का पेड़ मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (Mudumalai Tiger Reserve) के बफर जोन में काफी तेजी से प्रसार कर रहा है|

मुख्य बिंदु

  • यह पेड़ मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (नीलगिरी पहाड़ी जिले) के 800 और 1,200 हेक्टेयर के भूमि पर विस्तारित हो चूका है।
  • मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के बफर जोन में सिंगारा और मासीनागुडी वन पर्वतमाला क्षेत्र के साथ ही रिजर्व के कोर क्षेत्र में स्थित कारगुडी रेंज में भी इन पेड़ों की उपस्थिति है|
  • संरक्षणवादियों का कहना है कि इस आक्रामक पौधे का स्थानीय जैव विविधता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और इससे वन्यजीवों के लिए भोजन की उपलब्धता सीमित हो गई है।
  • सेना स्पेक्टाबिलिस को दक्षिण और मध्य अमेरिका से एक सजावटी तथाजलाऊ लकड़ी के रूप में उपयोग करने के लिए लाया गया था|
  • मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (एमटीआर) तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी जिले में स्थित है। इस टाइगर रिजर्व की सीमा कर्नाटक और केरल से लगी है|

आक्रामक विदेशी प्रजाति क्या है?

  • आक्रामक विदेशी प्रजाति एक ऐसी प्रजाति होती है जो किसी ख़ास विशिष्ट स्थान की मूल निवासी नहीं होती है और यह एक हद तक पर्यावरण, मानव अर्थव्यवस्था या मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। ऐसी प्रजातियां पौधे या जानवर हो सकते हैं।
  • आक्रामक विदेशी प्रजाति (invasive alien species - IAS)उस पारिस्थितिक तंत्र की संरचना में परिवर्तन का कारण बनती हैं।
  • विश्व में लोगों और वस्तुओं की आवाजाही के कारण आक्रामक प्रजातियों का प्रसार होता है।
  • आक्रामक प्रजातियों की समस्या का आइची जैव विविधता लक्ष्य-9 (Aichi Biodiversity Target - 9) और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य की धारा 15 में उल्लेख किया गया है।