कैक्टस रोपण और इसके आर्थिक उपयोग

  • 26 Dec 2022

8 दिसंबर, 2022 को केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली में 'कैक्टस रोपण और इसके आर्थिक उपयोग' (Cactus Plantation and it’s Economic Usage) विषय पर एक परामर्श बैठक आयोजित की।

  • बैठक में चिली के राजदूत जुआन अंगुलो एम; मोरक्को दूतावास के मिशन उप प्रमुख एराचिद अलौई मरानी; ब्राजील दूतावास के ऊर्जा प्रभाग की प्रमुख श्रीमती कैरोलिना सैटो तथा ब्राजील दूतावास के कृषि सहायक एंजेलो मौरिसियो भी शामिल हुए।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • बैठक में भूमि संसाधन विभाग (Department of Land Resources-DoLR) को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास घटक (WDC-PMKSY) के माध्यम से कम उर्वर भूमि में सुधार करने के लिए अधिकृत किया गया है।
  • ध्यान रहे कि, भारत के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा निम्न स्तर के भूमि की श्रेणी में है। विभिन्न प्रकार के वृक्षारोपण उन गतिविधियों में से एक है जो कम उर्वर भूमि को सुधार करने में सहायता करते हैं। कैक्टस की कृषि को बढ़ावा देने का उद्देश्य भी उपर्युक्त लक्ष्यों के साथ अधिदेशित है।
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) और शुष्क भूमि क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (International Center for Agricultural Research in Dryland Areas-ICARDA) को मध्य प्रदेश में ICARDA के अमलाहा फार्म में भूमि संरक्षण हेतु एक पायलट परियोजना स्थापित करने के कार्य में शामिल किया जा रहा है। इसके अंतर्गत कैक्टस की कृषि को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।

कैक्टस क्या है?

  • कैक्टस एक जेरोफाइटिक पौधा (Xerophytic plant) है जो अपेक्षाकृत धीमी गति से बढ़ता है।
  • वैश्विक स्तर पर इसका वितरण असमान हैं। इसकी अधिकांश सघनता भूमध्य रेखा के 30 डिग्री उत्तरी एवं 30 डिग्री दक्षिणी अक्षांशों के मध्य पाई जाती है।
  • इस पौधे की प्रजातियों की सर्वाधिक संख्या तथा सघनता (Highest species density) दक्षिण अफ्रीका तथा उपोष्णकटिबंधीय उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका में है।

कैक्टस के प्रमुख उपयोग क्या हैं?

  • जल संरक्षी: कैक्टस पारंपरिक फसलों की तुलना में जल का 80% कम उपयोग करता है, फिर भी इसके द्वारा व्यापक संख्या में फलों की पैदावार की जाती है।
  • खाद्य उपयोग: उच्च चीनी सामग्री के कारण इसके फलों का उपयोग जैम और जेली बनाने के लिए किया जाता है और शेष फसल का उपयोग मानव उपभोग और पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है।
  • ताप सहनशील: इसके अतिरिक्त, यह फसल उच्च ताप सहनशीलता की विशेषताओं से युक्त है, अपनी इस विशिष्ट विशेषता के कारण यह पौधा उच्च तापमान वाली विषम परिस्थितियों के लिए भी अनुकूल माना जाता है।
  • oवर्तमान समय में जब संपूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में होने वाली वृद्धि से निपटने के उपायों की खोज कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में यह पौधा व्यापक संभावनाएं प्रकट करता है।
  • कृषक हितैषी: कैक्टस का व्यापक उपयोग जैव ईंधन, भोजन, चारा और जैव उर्वरक उत्पादन में भी किया जा रहा है। उत्पादन की सीमित लागत के कारण इस पौधे को गरीब किसानों के लिए अतिरिक्त रोजगार के साधन तथा उनकी आय में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण विकल्प माना जा रहा है।