नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल

  • 27 Dec 2022

1-10 दिसंबर, 2022 के मध्य देश के पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में हॉर्नबिल महोत्सव (Hornbill Festival) के 23वें संस्करण का आयोजन किया गया।

  • इस महोत्सव में कुल 1,40,299 लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें 1,026 विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए।
  • हॉर्नबिल महोत्सव का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा 1 दिसंबर, 2022 को नागालैंड की राजधानी कोहिमा के निकट नागा विरासत गांव 'किसामा' (Kisama) में किया गया था।

हॉर्नबिल फेस्टिवल

  • महोत्सव का उद्देश्य: नागालैंड की समृद्ध संस्कृति को पुनर्जीवित करना व उसकी रक्षा करना तथा इसकी परंपराओं को प्रदर्शित करना।
  • आयोजन का समय: नागालैंड सरकार प्रत्येक वर्ष दिसंबर के पहले सप्ताह में हॉर्नबिल महोत्सव आयोजित करती है।
    • यह महोत्सव नागालैंड के राज्य दिवस के अवसर पर 1 दिसंबर को शुरू होता है, तथा 10 दिनों तक चलने के बाद 10 दिसंबर को समाप्त हो जाता है।
  • आयोजन स्थल: हॉर्नबिल फेस्टिवल, कोहिमा से लगभग 12 किमी. दूर स्थित किसामा (Kisama) के नागा हेरिटेज विलेज (Naga Heritage Village) में आयोजित किया जाता है।
    • हालांकि इसका संगीत समारोह तथा रॉक कॉन्टेस्ट दीमापुर (Dimapur) में आयोजित किया जाता है।
  • आयोजित गतिविधियां: हॉर्नबिल महोत्सव, नृत्य, प्रदर्शन, शिल्प, परेड, खेल, भोजन मेले तथा धार्मिक समारोहों का एक अनूठा मिश्रण है।
  • महत्व: नागालैंड की लगभग सभी जनजातियां इस त्योहार में भाग लेती हैं तथा इसे "त्योहारों का त्योहार" भी कहा जाता है।
    • यह महोत्सव जनजातीय लोगों की संस्कृति और परंपरा को उजागर करता है तथा संघीय भारत में एक अद्वितीय राज्य के रूप में नगालैंड की पहचान को पुष्ट करता है।
  • महोत्सव में हिस्सा लेने वाली 17 जनजातियां: अंगामी (Angami), आओ (Ao), चाकेसांग (Chakhesang), चांग (Chang), दिमासा कचारी (Dimasa Kachari), गारो (Garo), खिआमनियुंगन (Khiamniungan), कोन्याक (Konyak), कूकी (Kuki), लोथा (Lotha), फ़ोम (Phom), पोचरी (Pochury), रेंगमा (Rengma), सांग्तम (Sangtam), सुमी (Sumi), युमचुनग्रू (Yumchungru) तथा ज़ेलियांग (Zeliang)।

पीटी फैक्ट : हॉर्नबिल पक्षी

  • इस महोत्सव का नामकरण हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर किया गया है, जो नगालैंड का सबसे श्रद्धेय पक्षी है।
  • ग्रेट हॉर्नबिल, केरल एवं अरुणाचल प्रदेश का राजकीय पक्षी भी है।
  • संरक्षण स्थिति: आईयूसीएन (IUCN) की रेड लिस्ट में सुभेद्य श्रेणी के रूप में वर्गीकृत है,
    • साइट्स (CITES) के परिशिष्ट I के अंतर्गत सूचीबद्ध है; तथा
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 की अनुसूची 1 में शामिल है।