आईएनएस मोरमुगाओ भारतीय नौसेना में शामिल

  • 31 Dec 2022

18 दिसंबर, 2022 को परियोजना 15बी (Project 15B) वर्ग के दूसरे युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) को मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में कमीशन किया गया। इस श्रेणी के पहले जहाज आईएनएस विशाखापट्टनम (INS Visakhapatnam) को नवंबर 2021 में नौसेना में शामिल किया गया था।

आईएनएस मोरमुगाओ के संदर्भ में

  • आरंभ एवं समुद्री परीक्षण: वर्ष 2016 में इस युद्धपोत का जलावतरण तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर द्वारा किया गया था जबकि इसका समुद्री परीक्षण गोवा मुक्ति के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर वर्ष 2021 में शुरू किया गया था।
  • विशेषता: यह एक स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत (Stealth guided-missile destroyer) है जो 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है।
    • यह अत्याधुनिक हथियारों तथा ‘सतह से सतह’ एवं ‘सतह से हवा’ में मार करने वाली मिसाइलों से सुसज्जित है।
  • नामकरण: पश्चिमी तट पर अवस्थित ऐतिहासिक बंदरगाह शहर 'गोवा' के मोरमुगाओ पतन के नाम पर इस युद्धपोत का नाम 'मोरमुगाओ' रखा गया है।
  • निर्माण: इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (Warship Design Bureau of the Indian Navy) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है, जबकि इसके निर्माण का कार्य मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (Mazagon Dock Shipbuilders Limited-MDSL) द्वारा किया गया है।

महत्त्व

  • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण: आईएनएस मोरमुगाओ सबसे शक्तिशाली स्वदेश निर्मित युद्धपोतों में से एक है, जो देश की समुद्री क्षमताओं को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाने और राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने में सहायक होगा।
  • उन्नत तकनीक से सुसज्जित: यह विश्व के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत मिसाइल वाहकों में से एक है जो परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध स्थितियों में लड़ने के लिये सुसज्जित है।
  • स्वदेशी तकनीक द्वारा निर्मित: यह युद्धपोत 75% से अधिक स्वदेशी सामग्री से निर्मित है, जो डिजाइन और विकास में भारत की उत्कृष्टता और बढ़ती स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं का एक बेहतरीन उदाहरण है।

प्रोजेक्ट 15बी

  • आरंभ: परियोजना 15बी (Project 15B) के तहत चार युद्धपोतों के निर्माण के लिये वर्ष 2011 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए थे। इन सभी युद्धपोतों को वर्ष 2024 तक भारतीय नौसेना में शामिल किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • विशेषता: इन्हें विशाखापट्टनम श्रेणी (Visakhapatnam Series) के जहाज़ों के रूप में जाना जाता है। इसके तहत देश में स्वदेशी तकनीक की मदद से विशाखापट्टनम, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत (Visakhapatnam, Mormugao, Imphal and Surat) नामक चार युद्धपोतों का निर्माण किया जाना है।
  • प्रगति: इसके अंतर्गत निर्मित आईएनएस विशाखापट्टनम का वर्ष 2015 में, आईएनएस मोरमुगाओ का वर्ष 2016 में, आईएनएस इंफाल का वर्ष 2019 में तथा आईएनएस सूरत का वर्ष 2022 में जलावतरण किया गया था।

प्रोजेक्ट 15 एवं 15

  • आरंभ: भारत का स्वदेशी विध्वंसक निर्माण कार्यक्रम (Indigenous destroyer building program) 1990 के दशक के अंत में दिल्ली श्रेणी (परियोजना 15) के तीन युद्धपोतों के साथ शुरू हुआ। इसके तहत 'आईएनएस दिल्ली (INS Delhi), आईएनएस मैसूर (INS Mysore) और आईएनएस मुंबई (INS Mumbai)' नामक युद्धपोतों का निर्माण किया गया।
  • अगला चरण: इसके पश्चात् परियोजना 15ए (Project 15A) के तहत कोलकाता वर्ग के तीन युद्धपोतों को भी भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इस श्रेणी के तीन निर्देशित मिसाइल विध्वंसक युद्धपोतों में 'आईएनएस कोलकाता (INS Kolkata), आईएनएस कोच्चि (INS Kochi) और आईएनएस चेन्नई (INS Chennai)' को कमीशन किया गया।
  • निर्माण संस्था: इन सभी स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक युद्धपोतों का निर्माण देश के सबसे महत्त्वपूर्ण रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों में से एक मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) द्वारा किया जा रहा है।