नेपाल के नए प्रधानमंत्री तथा भारत-नेपाल संबंध

  • 10 Jan 2023

25 दिसंबर, 2022 को पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाल के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।

  • ध्यान रहे कि वर्ष 2015-2016 तथा वर्ष 2018-2021 तक ओली के कार्यकाल के दौरान भारत-नेपाल संबंधों में कड़वाहट देखने को मिली थी। वर्ष 2021 में देउबा के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात् भारत-नेपाल संबंधों में सुधार हुआ।

भारत-नेपाल : सहयोग के क्षेत्र

  • व्यापार एवं अर्थव्यवस्था: भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार लगभग 07 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया।
  • नेपाल में कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) स्टॉक में भारत की भागीदारी 33% से अधिक हिस्सा है।
  • पारगमन सुविधाएं: भू-आबद्ध देश होने के कारण भारत नेपाल को शेष विश्व के साथ व्यापार करने के लिए पारगमन सुविधाएं प्रदान करता है।
  • रक्षा सहयोग: भारत रक्षा उपकरणों की आपूर्ति तथा प्रशिक्षण प्रदान करके नेपाली सेना के आधुनिकीकरण में सहायता करता है।
    • दोनों देशों के मध्य वर्ष 2011 से प्रत्येक वर्ष 'सूर्य किरण' नामक संयुक्त युद्धाभ्यास किया जाता है।
  • बहुपक्षीय साझेदारी: दोनों देश बीबीआईएन (बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल-BBIN), बिम्सटेक (बहु क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल-BIMSTEC), गुटनिरपेक्ष आंदोलन तथा सार्क (क्षेत्रीय सहयोग के लिये दक्षिण एशियाई संघ-SAARC) जैसे कई बहुपक्षीय मंचों को साझा करते हैं।

चुनौतियां

  • सीमा संबंधी विवाद: वर्ष 2020 में नेपाल ने नवीन मानचित्र जारी करते हुए कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख ऐसे क्षेत्रों को अपनी सीमा में प्रदर्शन किया था।
    • इसी प्रकार, कालापानी सीमा मुद्दा भी दोनों देशों के मध्य तनाव का विषय रहा है।
  • चीन का हस्तक्षेप: चीन नेपाल में व्यापक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का विकास कर रहा है। वह नेपाल को अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना का महत्वपूर्ण सहयोगी मानता है।
  • आंतरिक सुरक्षा: भारत के अन्य पड़ोसी देशों के विपरीत नेपाल के साथ खुली सीमा रेखा (Open Boundary) है, जहां से आतंकवादियों, अवैध तस्करों तथा विद्रोही समूहों के प्रवेश का खतरा सदैव बना रहता है।