समतापमंडलीय ओजोन परत में सुधार

  • 21 Jan 2023

9 जनवरी, 2023 को अमेरिकी मौसम विज्ञान सोसायटी की 103वीं वार्षिक बैठक के दौरान समतापमंडलीय ओजोन परत (Stratospheric Ozone Layer) पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

  • रिपोर्ट के अनुसार समताप मंडल की सुरक्षात्मक ओज़ोन परत में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों की मानवों तक सीधी पहुँच घटी है।
  • रिपोर्ट का शीर्षक: ओजोन क्षरण का वैज्ञानिक आकलन 2022 (Scientific Assessment of Ozone Depletion 2022)।
  • जारीकर्ता संस्थान/संगठन: ओजोन क्षयकारी पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol on Ozone Depleting Substances) के वैज्ञानिक मूल्यांकन पैनल की यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित विशेषज्ञों के एक दल द्वारा तैयार की गई है। इसे निम्नलिखित संगठनों के सहयोग से विकसित किया गया है-
    • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO),
    • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP),
    • नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA),
    • अमेरिकी वाणिज्य विभाग तथा
    • यूरोपीय आयोग।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • सुधार: विशेषज्ञों द्वारा किए गए आकलन के अनुसार, अगले 4 दशकों में समतापमंडलीय ओजोन का स्तर, 1980 के स्तर तक पहुँचने की संभावना है।
  • अंटार्कटिका: रिपोर्ट के अनुसार, यदि वर्तमान नीतियों को लागू करना जारी रखा जाता है, तो अंटार्कटिका के ऊपर स्थित विशाल ओजोन छिद्र 2066 तक ठीक हो सकता है|
  • आर्कटिक तथा शेष विश्व: समतापमंडलीय ओजोन का स्तर आर्कटिक के ऊपर 2045 तक तथा शेष वैश्विक स्तर पर 2040 तक 1980 के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है|
  • सुधार का कारण: ओजोन परत में सुधार तथा ओजोन छिद्र के कम होने का प्रमुख कारण 1989 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का कार्यान्वयन तथा कुछ हानिकारक ओजोन क्षयकारी पदार्थ (Ozone Depleting Substances – ODS) का सफलतापूर्वक उन्मूलन है।
  • ODS उपयोग का वर्तमान स्तर: मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल द्वारा प्रतिबंधित लगभग 99 प्रतिशत पदार्थों का उपयोग नहीं हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप ओजोन परत के स्तर में धीमी लेकिन निश्चित गति से सुधार हुआ है।

समतापमंडलीय ओजोन संस्तर

  • परिचय: ओजोन (तीन ऑक्सीजन परमाणुओं वाला एक अणु या O3) मुख्य रूप से ऊपरी वायुमंडल में समताप मंडलीय संस्तर में पाई जाती है, जो पृथ्वी की सतह से 10 से 50 किमी. के बीच स्थित है।
    • महत्व: यह पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है। पराबैंगनी किरणों को त्वचा कैंसर तथा पौधों और जानवरों में कई अन्य बीमारियों और विकृतियों का कारण माना जाता है।
  • सामान्य अवस्था: सामान्यतः ओजोन समताप मंडल में अत्यंत कम सांद्रता में मौजूद है।

ओजोन छिद्र क्या है?

  • 1980 के दशक की शुरुआत में पहली बार ओजोन परत में क्षरण दर्ज किया गया था तथा यह गिरावट दक्षिणी ध्रुव पर कहीं अधिक स्पष्ट थी।
    • इसी समस्या को आमतौर पर ओजोन परत में ‘छिद्र’ के रूप में जाना जाता है, परन्तु वास्तव में यह ओजोन अणुओं की सांद्रता में कमी है।
  • क्षरण: कई प्रकार के रसायनों के निर्माण से ओजोन परत का क्षरण होता है। अंटार्कटिका पर वसंत के मौसम में रासायनिक प्रक्रियाओं से समताप मंडलीय ओजोन को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है।
    • उस क्षेत्र में मौजूद विशेष मौसम तथा रासायनिक स्थितियों के कारण भी ओजोन छिद्र का निर्माण होता है।

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल

  • ओजोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले विभिन्न पदार्थों जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) के उत्पादन तथा उपभोग पर नियंत्रण के उद्देश्य के साथ 1987 में एक अंतरराष्ट्रीय समझौता किया गया था। जिसे मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) कहा गया।
  • मॉण्ट्रियाल प्रोटोकॉल लगभग 100 मानव निर्मित रसायनों, या 'ओज़ोन-क्षयकारी पदार्थों' (ODS) की खपत और उत्पादन को नियंत्रित करने हेतु, एक ऐतिहासिक बहुपक्षीय पर्यावरण समझौता है।
  • यह विश्व की सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसने ग्लोबल वार्मिंग की दर को सफलतापूर्वक धीमा किया है।