सामयिक - 13 December 2025

सामयिक खबरें राष्ट्रीय

मनरेगा का संभावित नया नाम: पूज्य बापू ग्रामीण रोज़गार योजना


12 दिसंबर, 2025 के संदर्भ में समाचार रिपोर्टों के अनुसार केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) में संशोधन विधेयक लाने पर विचार कर रही है, जिसके माध्यम से इस प्रमुख योजना का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोज़गार योजना’ किया जा सकता है।

मुख्य तथ्य:

  • नाम परिवर्तन: संशोधन विधेयक को हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दिए जाने की जानकारी सामने आई है। मूल कानून 25 अगस्त 2005 को संसद से पारित हुआ था।
  • गारण्टीशुदा कार्य-दिवस: वर्तमान में योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रति ग्रामीण परिवार (जिसमें वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार हों) को अधिकतम 100 दिन की मज़दूरी-युक्त रोज़गार की गारंटी देती है; सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 125 दिन करने की योजना पर विचार कर रही है।
  • वास्तविक औसत रोजगार: ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के लिखित उत्तर के अनुसार, पिछले पाँच वर्षों में प्रति परिवार औसत रोजगार 50.35 दिन रहा है।
  • समीक्षा समिति: 2022 में केंद्र ने पूर्व ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिन्हा की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया था, जिसका कार्य विशेष रूप से राज्यों के बीच अंतर (inter-State variations) की समीक्षा करना था; संशोधन विधेयक में समिति की अनुशंसाओं के आधार पर कुछ बहिष्कारी प्रावधान (exclusionary clauses) राज्यों की आर्थिक सूचकांकों के आधार पर जोड़े जाने की संभावना है।
  • वित्तीय ढाँचा: योजना की फंडिंग पैटर्न (केंद्र–राज्य हिस्सेदारी आदि) में भी बदलाव की संभावना जताई गई है।

सामयिक खबरें पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण

UNEA-7 में भारत का वनाग्नि प्रस्ताव स्वीकृत


12 दिसंबर, 2025 के संदर्भ में, नैरोबी (केन्या) में आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-7) में भारत का प्रस्ताव ‘जंगल की आग के वैश्विक प्रबंधन को मजबूत करना’ (‘Strengthening the Global Management of Wildfires’)औपचारिक रूप से अपनाया गया, जिसे सदस्य देशों का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ।

मुख्य तथ्य:

  • प्रस्ताव का सार: भारत ने जंगली आग (जंगल की आग ) प्रबंधन में केवल प्रतिक्रिया से हटकर अग्रसक्रिय रोकथाम पर ज़ोर दिया, जिसमें बेहतर नियोजन, प्रारंभिक चेतावनी तंत्र और सुदृढ़ जोखिम मूल्यांकन शामिल हैं।
  • खतरे का आकलन: भारत ने UNEP की रिपोर्ट ‘स्प्रेडिंग लाइक वाईल्डफायर’(‘Spreading Like Wildfire’) का हवाला दिया, जिसके अनुसार यदि मौजूदा रुझान जारी रहे तो चरम जंगल की आगकी घटनाएँ 2030 तक 14%, 2050 तक 30% और 2100 तक 50% बढ़ सकती हैं।

प्रस्ताव के प्रावधान:

  • प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियाँ, जोखिम मानचित्रण (risk mapping), सैटेलाइट एवं ज़मीनी निगरानी को मज़बूत करने का आह्वान।
  • समुदाय-आधारित अलर्ट तंत्र, स्थानीय समुदायों व फ्रंटलाइन कर्मियों की भागीदारी, और अग्नि–पश्चात पुनर्बहाली एवं पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन के लिए सहयोग।
  • FAO–UNEP द्वारा 2023 में स्थापित Global Fire Management Hub के अंतर्गत चल रहे वैश्विक प्रयासों को सुदृढ़ करना तथा समेकित अग्नि प्रबंधन (Integrated Fire Management) की दिशा में देशों की मदद।
  • विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त एवं अंतरराष्ट्रीय फंडिंग तंत्रों तक बेहतर पहुँच की मांग।

सामयिक खबरें राष्ट्रीय

जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट अनुमोदित


12 दिसंबर, 2025 के संदर्भ में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनगणना 2027 पर महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी।

मुख्य तथ्य: जनगणना 2027

  • बजट: जनगणना 2027 के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट अनुमोदित।
  • प्रकृति: यह 16वीं जनगणना और स्वतंत्रता के बाद 8वीं होगी; इसे विश्व की सबसे बड़ी प्रशासनिक एवं सांख्यिकीय कवायद माना जाता है।
  • चरण: दो चरणों में—(1) Houselisting and Housing Census, (2) Population Enumeration।
  • विशेषताएँ:
    • पहली बार पूर्णतः डिजिटल जनगणना।
    • डेटा संग्रह Android और iOS आधारित मोबाइल एप्लिकेशन से।
    • लगभग 30 लाख फील्ड फ़ंक्शनरी पूरे देश की प्रत्येक गृह–परिवार से संपर्क कर पृथक प्रश्नावली भरेंगे।
    • Caste Enumeration (जाति गणना) को भी शामिल किया जाएगा।
  • भारत की जनगणना: यह संविधान के अनुच्छेद 246 एवं जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत संचालित होती है और केंद्र एवं राज्यों की नीतियों, योजनाओं, संसाधन आवंटन, निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और आरक्षण व्यवस्था की आधार-रेखा तय करने में अहम भूमिका निभाती है।

सामयिक सामान्य ज्ञान

 CITES CoP20 में किस प्रजाति को परिशिष्ट-I में जोड़ा गया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक व्यापार पर उच्चतम स्तर का संरक्षण और प्रतिबंध लगा दिया गया? -- ओशनिक वाइटटिप शार्क (Oceanic Whitetip Shark) -- (ओशनिक वाइटटिप शार्क और व्हेल शार्क जैसी प्रजातियों को CITES परिशिष्ट-I में शामिल करना अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक व्यापार पर उच्चतम स्तर का संरक्षण सुनिश्चित करता है। )

दैनिक समसामयिकी

पुराने करंट अफेयर्स देखने के लिए, कृपया नीचे तिथि चुनें