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राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) का गठन पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत किया गया था।
- इसकी अध्यक्षता पर्यावरण मंत्री करते हैं।
- राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की सीमाओं में कोई भी बदलाव राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की मंजूरी के बिना नहीं किया जा सकता है।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें
A |
केवल 3
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B |
केवल 1 और 3
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C |
1, 2 और 3
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D |
केवल 1 और 2
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Your Ans is
Right ans is A
Explanation :
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL), वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत गठित एक वैधानिक संगठन है।
- सैद्धांतिक रूप से, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की प्रकृति एक सलाहकार जैसी होती है। जो कि केंद्र सरकार को देश में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए नीतियों और उपायों को तैयार करने की सलाह देता है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में पर्यावरण और वन मंत्री इसके उपाध्यक्ष होते हैं।
- राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की सीमाओं में कोई भी बदलाव राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की मंजूरी के बिना नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में और इसके आसपास की सभी परियोजनाओं को मंजूरी भी NBWL ही देता है।
प्रश्न का उद्देश्य:
एनबीडब्ल्यूएल ने हाल ही में ओएनजीसी तृष्णा गैस परियोजना को मंजूरी दी है जो त्रिपुरा के त्रिशना वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आती है। अभयारण्य में 10-12 गैस असर वाले कुओं की खोज की गई और निष्कर्षण प्रक्रिया शुरू करने के लिए NBWL की अनुमति का इंतजार किया गया।
स्रोत: द हिन्दू
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