सत्र

असम के सत्रों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. सत्र 16 वीं शताब्दी के नव-वैष्णव सुधारवादी आंदोलन के हिस्से के रूप में बनाए गए मठवासी संस्थान हैं, जो वैष्णव संत-सुधारक श्रीमंत शंकर देव द्वारा शुरू किए गए थे।
  2. सत्र, संगीत (बोरगीत- Borgeet) व नृत्य (सत्रीय- Xattriya) और नाटक-कला / रंगमंच (भौना- Bhauna) के साथ शंकर देव की अनूठी "कला के माध्यम से पूजा" के दृष्टिकोण को प्रसिद्धि दिलाता है।
  3. प्रत्येक सत्र के केंद्र में एक नामघर (उपासना कक्ष) होता है, जिसके प्रमुख एक प्रभावशाली "सत्राधिकारी" होते हैं।

ऊपर दिया गया कथनों में से कौन से कथन सही है? नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:

A
1 और 2
B
केवल 3
C
2 और 3
D
1, 2 और 3
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