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ट्विन बैलेंस शीट (टीबीएस)
हाल ही में, एनपीए पर संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट में ट्विन बैलेंस शीट (टीबीएस) मुद्दा फिर से उभर के आया है। इस टीबीएस क्या मतलब है?
A |
चालू खाता घाटा और वित्तीय घाटे का बढ़ना।
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B |
राजस्व घाटा और वित्तीय घाटे का बढ़ना।
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C |
वाणिज्यिक बैंकों और आरबीआई की स्ट्रेस्ड बैलेंस शीट (Stressed Balance Sheet)।
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D |
कॉर्पोरेट और बैंकों की स्ट्रेस्ड बैलेंस शीट (Stressed Balance Sheet) ।
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Explanation :
टीबीएस का मतलब कॉर्पोरेट की स्ट्रेस्ड बैलेंस शीट (Stressed Balance Sheet) है जो ऋण डिफ़ॉल्ट का कारण है जो बैंकों की बैलेंस शीट को स्क्वीज़ करती है और वे ऋण देना बंद कर देते हैं। यह एक दुष्चक्र (vicious cycle) बनाता है जिससे अर्थव्यवस्था स्थिर हो जाती है। इसलिए, टीबीएस का अर्थ बैंक और कॉर्पोरेट दोनों जो, परेशानी में हो उनकी बैलेंस शीट है। इस समस्या का सामना करने के लिए, भारत सरकार ने हाल ही में पुनर्पूंजीकरण द्वारा बैंकों को स्वस्थ बनाने का फैसला किया है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए यह प्रश्न इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
बैंकिंग क्षेत्र की समस्या अक्सर समाचारों में होती है, इसलिए इस संकट से निपटने सम्बंधित तथ्य और योजनाओं को छात्रों के लिए जानना आवश्यक हो जाता है।
स्रोत: द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस
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