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बैंक
हाल ही में, तीन बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी गई है। बैंकों के विलय के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- केवल तीन या चार बड़े बैंकों को स्थापित करने यह प्रस्ताव पहली बार "रघुराम राजन" समिति द्वारा लाया गया था।
- सिद्धांत स्वरुप, वित्त मंत्री द्वारा बैंकों के विलय करने का निर्णय केवल आरबीआई, बैंक बोर्ड और सेबी के सहयोग से लिया गया था।
- इस विलय से नए बैंकों के लिए NPA का अनुपात कम होगा।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
I, II, III
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B |
केवल II और III
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C |
केवल II
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D |
केवल III
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Explanation :
1991 में, वित्त मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह के द्वारा बनाई गई 'नरसिम्हा समिति' ने पहली बार भारतीय बैंकों के पुनर्गठन की सिफारिश करते हुए केवल तीन या चार बड़े बैंकों की स्थापना का सुझाव दिया। इसलिए कथन-I गलत है। सरकार ने विलय प्रक्रिया की देख-रेख के लिए एक वैकल्पिक तंत्र (AM) स्थापित किया है जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष), श्री पियूष गोयल और श्रीमती निर्मला सीतारमण सदस्य के रूप में शामिल हैं। यह नीति पिछली सरकार के दौरान महत्वपूर्ण नीतिगत मामलों पर निर्णय लेने वाले मंत्रियों के अधिकारित समूह की तरह है। इसलिए, कथन-II भी गलत है। देना बैंक का NPA अनुपात 11.04%, बैंक ऑफ बड़ौदा का 5.40% और विजया बैंक का NPA अनुपात 4.10% है। इसलिए, इस विलय प्रक्रिया से नए बैंकों के लिए NPA अनुपात कम होगा जिससे सरकार को कम पूंजी की आवश्यकता होगी।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
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