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लुप्तप्राय
इन स्तनधारियों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में सूचीबद्ध किया गया है। वे एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर हरकतें करते हुए झूलते रहते हैं जिसे "ब्राचिएशन" (Brachiation) कहा जाता है। उन्हें आईयूसीएन के अनुसार "लुप्तप्राय" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और सामान्यतः ये उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों में तो पाए जाते हैं, लेकिन ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण और दीबांग नदी के पूर्व में नहीं पाये जाते हैं। वर्ष 2015 को आईयूसीएन द्वारा स्तनपाइयों का वर्ष घोषित किया गया था। ये सभी संदर्भ निम्नलिखित में से किसके संबंध में हैं?
A |
पूर्वी हूलॉक गिब्बन
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B |
पश्चिमी हूलॉक गिब्बन
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C |
फायर का लंगूर (Phayre’s Langur)
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D |
क्लाउडड तेंदुए
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Explanation :
पश्चिमी हूलॉक गिब्बन उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों में पाया जाता है, जो ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण और दीबांग नदी के पूर्व में नहीं पाये जाते हैं। भारत के बाहर, यह पूर्वी बांग्लादेश और उत्तर-पश्चिम म्यांमार में पाया जाता है। यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में सूचीबद्ध है। 30 वर्षों में, इसकी आबादी में 90% की कमी आई है, इसलिए इसे आईयूसीएन के अनुसार 'लुप्तप्राय' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
स्रोत: द हिंदू
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