- होम
- सामयिक
- समसामयिकी प्रश्न
- एनआरआई
एनआरआई
हाल ही में, आरबीआई ने अपने नीतिगत रुख को कठोर बनाने पर बल दिया है। तटस्थ ब्याज दर (एनआरआई) के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- यह वह दर है जिस पर वृद्धि दर इसकी क्षमता के करीब है लेकिन मुद्रास्फीति उच्च है।
- यह वह दर है जिस पर वृद्धि दर इसकी क्षमता के करीब है और मुद्रास्फीति सामान्य है।
- यह वह दर है जिस पर कोई मंदी नहीं है और ना ही अर्थव्यवस्था बुरी स्थिति में है।
- यह वह दर है जिस पर वृद्धि स्थिर है लेकिन मुद्रास्फीति निम्न स्तर पर है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन करें:
A |
केवल 2 और 3
|
|
B |
केवल 1 और 4
|
|
C |
1, 2, 3, 4
|
|
D |
केवल 1 और 3
|
Explanation :
एनआरआई अवधारणा विकशेल (Wickshell) द्वारा दी गई थी। जिसके अनुसार, यह अर्थव्यवस्था की वह स्थिति है जब सब कुछ स्थिर हो, पूर्ण रोजगार हो और कोई मंदी न हो। जिसके बाद ऐसा प्रतीत होता है कि अर्थव्यवस्था में सब कुछ सामान्य चल रहा है। इसलिए, इसे 'गोल्डिलॉक इकोनॉमी' की स्थिति भी कहा जाता है।
तटस्थ दर ब्याज का क्या महत्व है?
बता दें कि यदि पॉलिसी रेट न्यूट्रल रेट ऑफ इंटरेस्ट से नीचे है तो, इससे अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति को बढ़ावा मिलेगा, जो वांछनीय नहीं है। यदि ब्याज की दर तटस्थ ब्याज दर से ऊपर है, तो इससे मंदी (बाजार में मुद्रा का कम प्रसार) हो सकती है, लेकिन मुद्रास्फीति घटेगी। इसलिए, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि देशों को मुद्रास्फीति और मंदी से बचने के लिए खुद को एनआरआई के करीब सीमित रखना चाहिए।
स्रोत: द हिंदू,इकोनॉमिक टाइम्स
सामयिक खबरें
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे