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ढोकरा शिल्प कला
"ढोकरा शिल्प कला (Dhokra sculptures)" के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इसमें सायरे परड्यू (Cire-Perdue) कास्टिंग विधि का उपयोग किया जाता है।
- मोहन जोदड़ो से प्राप्त कांसे की मूर्ति है, जिसे सायरे परड्यू विधि से बनाया गया है।
- आदिलाबाद डोकरा को जीआई टैग मिला है।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल 1 और 2
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B |
केवल 2
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C |
1, 2, 3
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D |
केवल 2 और 3
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Explanation :
मोम क्षय विधि/सायरे परड्यू विधि वह प्रक्रिया है जिसमें तांबा, जस्ता व रांगा आदि धातुओं के मिश्रण की ढलाई करके मूर्तियां व रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सामान बनाये जाते हैं। मिट्टी, मोम और धातु के प्रयोग से तैयार यह कला सहज ही मन को आकर्षित कर लेती है। यह बस्तर की विश्व प्रसिद्ध शिल्पकला है, जिसकी ऐतिहासिकता का उत्कृष्ट उदाहरण मोहन जोदड़ो से प्राप्त कांसे की मूर्ति है, जिससे यह पता चलता है कि इस तकनीक का उपयोग सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के बीच भी किया जाता था।
आदिलाबाद डोकरा, जनजातीय क्षेत्रों में लोकप्रिय एक प्राचीन धातु शिल्प कला है। हाल ही में, इसे जीआई टैग मिला है। अतः उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।
स्रोत: द हिन्दू
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