- होम
- सामयिक
- समसामयिकी प्रश्न
- जलियांवाला बाग नरसंहार
जलियांवाला बाग नरसंहार
"जलियांवाला बाग नरसंहार" के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इस घटना के बाद गांधीजी ने अपनी "कैसर-ए-हिंद" की उपाधि को लौटा दिया और रबींद्रनाथ टैगोर ने भी अपनी नाइटहुड की उपाधि को त्याग दिया।
- उधम सिंह ने कैक्सटन हॉल में ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड डायर की हत्या जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार का बदला लेने के लिए की।
- हंटर आयोग ने डायर के कार्य की निंदा की और उसके खिलाफ गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई की।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल 1
|
|
B |
केवल 2
|
|
C |
1, 2, 3
|
|
D |
केवल 1 और 3
|
Explanation :
जब निर्दोष लोगों पर उस समय पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर "माइकल ओ डायर" के आदेशों पर गोलियां चलवाई गई, तो जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार ने लोगों के विवेक को हिलाकर रख दिया। इस आदेश को मैदान में ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड डायर द्वारा निष्पादित किया गया था। जिसका बदला लेने के लिए, उधम सिंह ने कैक्सटन हॉल में लेफ्टिनेंट गवर्नर "माइकल ओ डायर" की हत्या की। चूंकि उनका मनना था कि आदेश लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर ने दिया था, इसलिए असली अपराधी भी माइकल ओ डायर ही है। इसलिए, कथन 2 गलत है।
हंटर आयोग एक 7 सदस्यीय निकाय था (3 भारतीय सदस्यों के साथ)। जिसने डायर के कार्य की निंदा की लेकिन उसके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की। अतः कथन 3 भी गलत है।
इस घटना के बाद गांधीजी ने अपनी "कैसर-ए-हिंद" की उपाधि को लौटा दिया और रबींद्रनाथ टैगोर ने भी अपनी नाइटहुड की उपाधि को त्याग दिया। अतः कथन 1 सही है।
स्रोत: आधुनिक भारत का इतिहास, बिपिन चंद्र
सामयिक खबरें
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे