चक्रवात चेतावनी केन्द्र


प्रश्नः देश में महाराष्ट्र सहित राज्य-वार/संघ राज्य क्षेत्र-वार चक्रवात चेतावनी केंद्रों (CWC) का ब्यौरा क्या है_ देश में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत उक्त केन्द्रों की मुख्य विशेषताएं क्या हैं और उनके उद्देश्य क्या हैं?

(गजानन कीर्तिकर, जी- सेल्वम एवं अन्य द्वारा लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ- हर्ष वर्धन द्वारा दिया गया उत्तरः चक्रवात चेतावनी सेवाओं और समुद्री मौसम सेवाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत मौसम विभाग (IMD) ने हमारे देश के पूर्वी और पश्चिमी तटों में 7 चेतावनी केंद्र स्थापित किए हैं। इनमें से क्षेत्रीय चक्रवात चेतावनी केंद्र (Area Cyclone Warning Centres - ACWCs) चेन्नई, मुम्बई और कोलकाता में और शेष चार चक्रवात चेतावनी केंद्र (Cyclone Warning Centre - CWC) अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम, विशाखापट्टनम और भुवनेश्वर में स्थित हैं।

  • प्रतिकूल मौसम के हिसाब से भारतीय समुद्रों पर नजर रखने के अलावा चक्रवात चेतावनी केंद्र पहले तालिका में दी गई अपनी क्षेत्रीय जिम्मेदारी के अनुसार दैनिक आधार पर तटीय मौसम बुलेटिन जारी करते हैं।
  • बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के अनियंत्रित क्षेत्रें के लिए पूर्वानुमान और चेतावनी क्रमशः क्षेत्रीय चक्रवात चेतावनी केंद्र, कोलकाता और मुम्बई द्वारा जारी की जाती है। इसके अलावा ये केंद्र भारतीय नौसेना के लाभ के लिए उन्हीं समुद्रीय क्षेत्रें के लिए नौसेना पूर्वानुमान जारी करते हैं। ये चक्रवात चेतावनी केंद्र अपनी क्षेत्रीय जिम्मेदारी के अनुसार तटीय समुद्रों और अनियंत्रित समुद्रों और बंदरगाह चेतावनियों के लिए मछुआरा चेतावनी भी जारी करते हैं।
  • चक्रवाती तूफानों की अवधि के दौरान मानक प्रचालन प्रक्रिया के अनुसार प्रत्येक तीन घंटे में व्यापक बुलेटिन जारी किए जाते हैं जिसमें वर्तमान प्रणाली स्थिति (स्थान, घटना, गहनता) और पूर्वानुमान ट्रैक, गहनता, भूदर्श बिंदु, संबंधित प्रतिकूल मौसम (भारी वर्षा, बवंडर, तूफानी लहरें), समुद्री दशा, मछुआरा चेतावनी, संभावित क्षति और सुझाई गई कार्रवाई के बारे में सूचना होती है।
  • संपूर्ण चक्रवात चेतावनी कार्रवाई का समन्वय आईएमडी मुख्यालय, नई दिल्ली स्थित चक्रवात चेतावनी प्रभाग द्वारा किया जाता है।

राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना

  • इसके साथ ही भारत सरकार ने देश में चक्रवात जोखिमों के समाधान के लिए राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (National Cyclone Risk Mitigation Project - NCRMP) प्रारंभ की है। परियोजना का समग्र उद्देश्य भारत के तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चक्रवातों के प्रभाव को कम करने के लिए उपयुक्त संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक उपाय करना है। गृह मंत्रलय के तत्वावधान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) इस परियोजना को सहभागी राज्य सरकारों और पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय के समन्वय से लागू करेगा। परियोजना ने कार्यान्वयन के उद्देश्य से संवेदनशीलता के विभिन्न स्तरों के साथ 13 चक्रवात प्रवण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पहचान की है।

एनसीआरएमपी का मुख्य उद्देश्य

  1. पूर्व चेतावनी प्रसार प्रणाली में सुधार करना
  2. आपदाओं से रक्षा करने की कार्रवाई के लिए स्थानीय समुदायों की क्षमता में वृद्धि करना
  3. आपातकालीन आश्रय, बचाव और उच्च क्षेत्रें में तुफानी हवाओं, बाढ़ और तूफान से सुरक्षा करना
  4. समग्र विकास एजेंडे में जोखिम शमन उपायों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर डीआरएम क्षमता को मजबूत बनाकर चक्रवात और अन्य हाइड्रो मौसम संबंधी खतरों की दृष्टि से तटीय समुद्रों की भेद्यता में कमी लाना है।