महानगरों में झुग्गियों में रहने वाले लोग


प्रश्नः क्या मुंबई, दिल्ली तथा चेन्नई महानगरों में झुग्गियों में रहने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है और यदि हां, तो इसके क्या कारण हैं_ क्या सरकार शहरों में झुग्गियों में रहने वाले समस्त पात्र लोगों के लिए पक्के घरों के निर्माण हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का कार्यान्वयन कर रही है?

(श्रीमती सुप्रिया सदानंद सुले एवं डॉ- अमोल रामसिंह कोल्हे द्वारा लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)

आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी द्वारा दिया गया उत्तरः 2001 और 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली और मुंबई शहरों में स्लम आबादी कम हुई है। तथापि, चेन्नई में स्लम आबादी में वृद्धि हुई है। चेन्नई नगर निगम के साथ आस-पास के शहर के जुड़ जाने से स्लम आबादी में इस तरह की वृद्धि हुई, जिससे नगरपालिका क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई शहरों की स्लम आबादी की संख्या का ब्यौरा नीचे दिया गया है:

शहर का नाम जनगणना वर्ष
2001 2011
दिल्ली 18,51,231 17,85,390
मुंबई 64,75,640 52,06,473
चेन्नई 08,19,873 13,42,337
  • स्लमवासियों / शहरी गरीबों को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, बिजली, शौचालय आदि संबंधित यूएलबी द्वारा प्रदान की जाती हैं। भारत की जनगणना 2011 के अनुसार 74% स्लम घरों में नल के पानी की आपूर्ति है और 20.3% घरों में हैंड पंप / ट्यूबवेल हैं। इनमें से 90.5% घरों में बिजली कनेक्शन हैं। परिसर के अन्दर कुल 66% के पास शौचालय की सुविधा है और 81.2% घरों में जल निकासी की सुविधा है।
  • वर्ष 2022 तक सबके लिए आवास उपलब्ध कराने के भारत सरकार के विजन के अनुसरण में आवासन और शहरी कार्य मंत्रलय स्लमवासियों सहित सभी पात्र शहरी परिवारों को सभी मौसमानुकूल पक्के आवास उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाई-यू) मिशन का कार्यान्वयन कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना मिशन के 'स्व-स्थाने स्लम पुनर्विकास' (In-Situ Slum Redevelopment - ISSR) घटक में मैट्रो शहरों सहित देश भर के स्लम वासियों को आवास प्रदान करने के लिए संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करने का अधिदेश है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य स्लम के अंतर्गत भूमि की अप्रयुक्त संभावनाओं का लाभ उठाकर औपचारिक शहरी बस्तियों में पात्र स्लम परिवारों को आवास प्रदान करना है।
  • अब तक स्लमवासियों के लिए कुल 6.32 लाख आवास निर्माण का कार्य शुरू किया गया है, जिसमें से 4.37 लाख आवासों को योजना के तहत बुनियादी सुविधाओं के साथ पूरा किया गया है।