राष्ट्रपति द्वारा 3 आपराधिक संहिता विधेयकों को मंजूरी

  • 27 Dec 2023

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 25 दिसंबर, 2023 को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 को हस्ताक्षरित किया गया।

  • विधेयक के रूप में इसे 21 दिसंबर को राज्य सभा में तथा 20 दिसंबर, 2023 को लोक सभा में पारित किया गया।
  • भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय दण्ड संहिता 1860 का स्थान लेगा, जो देश में फौजदारी अपराधों से संबंधित प्रमुख कानून है। नये अधिनियम में सामुदायिक सेवा को सजा के रूप में शामिल किया गया है।
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023, दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 का स्थान लेगा। इसमें गिरफ्तारी, अभियोग और जमानत की प्रक्रिया के प्रावधान हैं।
  • भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) संहिता अधिनियम, 2023 भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लेगा। अधिनियम में देश के न्यायालयों में साक्ष्यों की स्वीकार्यता से जुड़े प्रावधान हैं। यह सभी दीवानी और फौजदारी मुकदमों पर लागू होंगे।
  • इस कानून में 21 नए अपराधों को शामिल किया गया है और 41 अपराधों के लिए सजा की अवधि को बढ़ा दिया है।
  • नए अधिनियमों में प्रथम सूचना रिपोर्ट से लेकर केस डायरी, आरोप पत्र और अदालत के फैसले तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल बनाने का प्रावधान है।
  • नए कानूनों में उन्मादी भीड़ द्वारा हत्या-मॉब लिंचिंग में मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के कई प्रावधान किए गए हैं।
  • भारतीय न्याय संहिता में 18 वर्ष से कम आयु की महिला से दुष्कर्म के अपराध में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है।
  • सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 20 साल की कैद या मृत्युपर्यन्त कैद की सजा का प्रावधान किया गया है।
  • नए कानून में आपराधिक न्याय प्रणाली के अंतर्गत पहली बार आतंकवाद को परिभाषित किया गया है।