'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' योजना
- 25 Aug 2020
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में दुनिया भर में सौर ऊर्जा की आपूर्ति हेतु 'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' (One Sun, One World, One Grid) योजना के बारे में उल्लेख किया।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह विचार पहली बार 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की पहली असेंबली के दौरान प्रस्तावित किया था।
- यह 'सूर्य कभी अस्त नहीं होता' की दृष्टि पर आधारित है अर्थात सूर्य किसी भी भौगोलिक स्थान पर, वैश्विक स्तर पर, किसी भी समय पर स्थिर है।
 - यह महत्वाकांक्षी योजना 140 देशों को एक सार्वजनिक ग्रिड (Common grid) के माध्यम से जोड़ेगा जो सौर ऊर्जा को स्थानांतरित करने के लिए उपयोग किया जाएगा।
 - केंद्र में भारत के साथ, सौर स्पेक्ट्रम को आसानी से दो व्यापक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है। सुदूर पूर्व, जिसमें म्यांमार, वियतनाम, थाईलैंड, लाओ, कंबोडिया आदि देश शामिल हैं, और सुदूर पश्चिम, जो मध्य पूर्व और अफ्रीका क्षेत्र को कवर करेगा।
 - योजना को 3 चरणों में विभाजित किया गया है। चरण-1 सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को साझा करने के लिए पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में ग्रिड के साथ भारतीय ग्रिड को जोड़ेगा।
 - चरण- 2 नवीकरणीय स्रोतों के अफ्रीकी पूल के साथ पहले चरण के राष्ट्रों को जोड़ेगा। और चरण-3 वैश्विक देशों के परस्पर कनेक्शन का अंतिम चरण होगा।
 
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