न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश
- 30 Apr 2025
29 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश भुषण रामकृष्ण गवई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया। वे 14 मई, 2025 को पद की शपथ लेंगे और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के 13 मई को सेवानिवृत्त होने के बाद कार्यभार संभालेंगे। न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 तक रहेगा।
मुख्य तथ्य:
- सामाजिक पृष्ठभूमि: न्यायमूर्ति गवई अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे; पहले न्यायमूर्ति के. जी. बालाकृष्णन थे।
- न्यायिक करियर: न्यायमूर्तिगवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को अमरावती, महाराष्ट्र में हुआ। उन्होंने 16 मार्च, 1985 को वकालत शुरू की और 14 नवंबर, 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने। 12 नवंबर, 2005 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए और 24 मई, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
- महत्वपूर्ण फैसले: वे संविधान पीठों के सदस्य रहे हैं-जिनमें अनुच्छेद 370 हटाने, चुनावी बॉन्ड योजना रद्द करने, नोटबंदी को बरकरार रखने, और अनुसूचित जातियों में उप-वर्गीकरण की अनुमति जैसे ऐतिहासिक निर्णय शामिल हैं।
- प्रशासनिक अनुभव: गवई ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में सरकारी वकील, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और कई शासकीय निकायों के लिए स्थायी वकील के रूप में कार्य किया।
- सुप्रीम कोर्ट: सर्वोच्च न्यायालय में 34 न्यायाधीश (CJI सहित) होते हैं। सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 28 जनवरी, 1950 को हुई थी और इसकी कार्यवाही केवल अंग्रेज़ी में होती है।
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