आगामी जनगणना में जाति गणना शामिल करने की सरकार की मंजूरी
- 01 May 2025
 
30 अप्रैल, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Political Affairs) ने आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जाति आधारित गणना (caste enumeration) को शामिल करने की मंजूरी दी। यह लगभग एक सदी बाद पहली बार होगा जब अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) से इतर अन्य जातियों का भी राष्ट्रीय स्तर पर गणना में समावेश किया जाएगा।
मुख्य तथ्य:
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 1931 के बाद से भारत में राष्ट्रीय जनगणना में केवल SC/ST और धार्मिक जनसंख्या का ही आंकड़ा संकलित किया गया था। अन्य सभी जातियों की गणना को स्वतंत्रता के बाद बंद कर दिया गया था। अब यह नीति बदलते हुए केंद्र सरकार ने सभी नागरिकों की जाति गणना को जनगणना का हिस्सा बनाया है।
 - उद्देश्य: सरकार का कहना है कि यह निर्णय समाज के सभी वर्गों के लिए अधिक पारदर्शी, सटीक और समावेशी नीति निर्माण, कल्याणकारी योजनाओं और आरक्षण नीति के लिए मजबूत आधार तैयार करेगा। इससे सामाजिक न्याय और लक्षित विकास योजनाओं को बेहतर दिशा मिलेगी।
 - प्रक्रिया: यह गणना जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त द्वारा संचालित की जाएगी। यह राज्य-स्तरीय जाति सर्वेक्षणों से अलग होगी और पूरे देश में एकरूप, कानूनी रूप से मान्य और व्यापक आंकड़े उपलब्ध कराएगी।
 - राजनीतिक संदर्भ: बिहार, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे राज्यों ने हाल में जाति सर्वेक्षण किए थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर यह पहली बार होगा। विपक्ष लंबे समय से जाति जनगणना की मांग कर रहा था, जिसे अब केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
 - आगामी जनगणना: कोविड-19 के कारण विलंबित जनगणना 2025 की शुरुआत में शुरू होगी और दो चरणों-हाउस लिस्टिंग एवं जनगणना-में पूरी की जाएगी, जिसमें अब जाति गणना भी होगी।
 
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