डीआरडीओ प्रयोगशालाओं से संबंधित समिति

  • 29 Aug 2020

भविष्य की रक्षा प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास पर ध्यान देने के साथ, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की सभी प्रयोगशालाओं के लिए कर्तव्यों के चार्टर की समीक्षा हेतु 24 अगस्त, 2020 को एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्षता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव करेंगे।

समिति की प्रमुख कार्य-शर्तें: डीआरडीओ के सभी प्रयोगशालाओं के कर्तव्यों के चार्टर का अध्ययन और समीक्षा करना; वर्तमान और भविष्य की रक्षा और युद्धक्षेत्र परिदृश्य पर प्रयोगशालाओं के कर्तव्यों के चार्टर को फिर से परिभाषित करना; और प्रयोगशालाओं के बीच प्रौद्योगिकियों के अतिव्याप्त (overlap) को कम करना।

अन्य तथ्य: डीआरडीओ की अंतिम प्रमुख समीक्षा 2008 में पी. रामाराव समिति द्वारा की गई थी, जिसने डीआरडीओ को सात प्रौद्योगिकी समूहों में विकेंद्रीकृत करने और केवल सामरिक महत्व की मुख्य प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया था।

  • डीआरडीओ के पास 52 प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है, जिसमें वैमानिकी, आयुध, इलेक्ट्रॉनिक्स, युद्धक वाहन, मिसाइल, नौसेना प्रणाली, जीवन विज्ञान और कृषि जैसे कई विषयों पर काम किया जाता है।