ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में त्रि-सेना समन्वय

  • 14 May 2025

14 मई 2025 को, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और एयर फोर्स एयर मार्शल एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के सफल क्रियान्वयन में भारतीय थल, जल और वायु सेनाओं के त्रि-सेना समन्वय और रणनीतिक दृष्टिकोण पर अपने अनुभव साझा किए।

मुख्य तथ्य:

  • ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद, 7-10 मई 2025 के बीच भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई और मिसाइल हमले किए।
  • त्रि-सेना समन्वय: ऑपरेशन में वायुसेना, थलसेना और नौसेना की संयुक्त रणनीति के तहत मल्टी-डोमेन ऑपरेशन्स, इलेक्ट्रॉनिक व साइबर युद्ध क्षमताओं, स्वदेशी हथियार प्रणालियों और एयर डिफेंस नेटवर्क का एकीकृत उपयोग किया गया। नौसेना ने अरब सागर में पाकिस्तानी नौसेना को तटीय क्षेत्र तक सीमित कर दिया और कराची बंदरगाह को लक्ष्य करने की तैयारी दर्शाई।
  • सामरिक उपलब्धियां: ऑपरेशन के दौरान भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया, छह पाकिस्तानी सैन्य एयरबेस व UAV कमांड हब को निशाना बनाया और आतंकी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त किया।
  • सैन्य क्षति और नियंत्रण: भारतीय वायुसेना को ऑपरेशन में कम-से-कम तीन लड़ाकू विमानों का नुकसान हुआ।
  • रणनीतिक संदेश और नई नीति: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में बदलाव और सीमित लेकिन निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया की नई 'रेड लाइन' स्थापित की।