साइबरस्पेस और एम्फिबियस ऑपरेशन्स हेतु नई सैन्य रूपरेखा जारी
- 11 Aug 2025
10 अगस्त, 2025 को भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने साइबरस्पेस ऑपरेशन्स व एम्फिबियस ऑपरेशन्स के लिए डीक्लासीफाइड संयुक्त सैन्य सिद्धांत औपचारिक रूप से जारी किए, जिससे तीनों सेनाओं (थल, जल, वायु) के बीच युद्धक समन्वय और आधुनिक क्षमताओं को मजबूत किया गया।
मुख्य तथ्य:
- साइबरस्पेस ऑपरेशन्स: यह सिद्धांत साइबर डोमेन में एकीकृत रक्षा, आक्रमण व आसूचना (इंटेलिजेंस) रणनीति प्रदान करता है। इसमें मिलिट्री नेटवर्क की सुरक्षा, दुश्मन की डिजिटल संरचनाएँ निष्क्रिय करना, और रीयल-टाइम इंटेलिजेंस साझा करना शामिल है।
- प्रमुख घटक: डिफेंसिव साइबर ऑपरेशन्स (सुरक्षा), ऑफेंसिव साइबर ऑपरेशन्स (दुश्मन नेटवर्क को बाधित करना), साइबर रीकॉन व इंटेलिजेंस (डेटा विश्लेषण), सपोर्ट ऑपरेशन्स (तकनीकी सहायता), और रेजिलिएंस (आक्रमण के बाद पुनर्स्थापन)।
- एम्फिबियस ऑपरेशन्स: यह सिद्धांत समुद्री, थल और वायु बलों के सहयोग से तटवर्ती और द्वीप क्षेत्रों में युद्ध व मानवीय सहायता मिशनों के लिए रूपरेखा देता है; तेज प्रतिक्रिया, इंटरऑपरेबिलिटी और मिसन प्रोफाइल में लचीलापन सुनिश्चित करता है।
- सामरिक महत्व: दोनों सिद्धांत भारत की रक्षा संरचना में त्रिसेना एकता, साइबर शक्ति का बल गुणक प्रभाव, तटीय व द्वीप सुरक्षा, तथा हाइब्रिड युद्ध के लिए तत्परता दर्शाते हैं।
- भविष्य की दिशा: CDS ने सैन्य स्पेस ऑपरेशन्स, स्पेशल फोर्स ऑपरेशन्स, एयरबोर्न/हेलिबोर्न ऑपरेशन्स, इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स, और मल्टी-डोमेन ऑपरेशन्स पर भी नए सिद्धांत विकसित करने की पहल की है।
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