भारत-नॉर्वे संयुक्त उद्यम द्वारा पोलर रिसर्च वेसल का निर्माण
- 04 Jun 2025
3 जून 2025 को, भारत के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) और नॉर्वे की कोंग्सबर्ग कंपनी ने ओस्लो, नॉर्वे में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत अपनी पहली स्वदेशी पोलर रिसर्च वेसल (PRV) बनाएगा।
मुख्य तथ्य:
- एमओयू पर हस्ताक्षर: GRSE (कोलकाता) और नॉर्वे की कोंग्सबर्ग के बीच एमओयू हुआ; इससे भारत की पहली स्वदेशी पोलर रिसर्च वेसल बनाने का रास्ता खुला।
- उद्देश्य: वेसल से गहरे समुद्र की खोज, समुद्री पारिस्थितिकी अनुसंधान, ध्रुवीय बर्फ और जलवायु अध्ययन, और अंटार्कटिका एवं दक्षिणी महासागर में भारत के मिशन को समर्थन मिलेगा।
- वैज्ञानिक उपकरण: वेसल में अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे शोधकर्ता समुद्र की गहराइयों की खोज, मरीन इकोसिस्टम का अध्ययन और जलवायु परिवर्तन पर अनुसंधान कर सकेंगे।
- भारत के पोलर स्टेशन: भारत के तीन रिसर्च बेस स्टेशन—मैत्री (1989), भारती (2012) अंटार्कटिका में और हिमाद्री आर्कटिक में हैं; अब तक भारत को विदेशी जहाजों पर निर्भर रहना पड़ता था।
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