INS अर्नाला
- 18 Jun 2025
17 जून 2025 को, भारतीय नौसेना ने विशाखापत्तनम नेवल डॉकयार्ड में देश के पहले एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) INS अर्नाला को कमीशन करने की घोषणा की।
मुख्य तथ्य:
- पहला ASW-SWC पोत: INS अर्नाला भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला पहला ASW-SWC पोत है; कुल 16 ऐसे पोतों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से अर्नाला को 8 मई 2025 को नौसेना को सौंपा गया था।
- निर्माण एवं स्वदेशीकरण: पोत का डिज़ाइन और निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता ने L&T शिपबिल्डर्स के सहयोग से किया है; इसमें 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग हुआ है, जिसमें 55 से अधिक MSME कंपनियों की भागीदारी रही।
- तकनीकी विशेषताएँ: पोत की लंबाई 77.6 मीटर है, वजन 1,490 टन से अधिक है, और यह डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन से संचालित होने वाला सबसे बड़ा भारतीय नौसैनिक पोत है।
- संचालन क्षमता: INS अर्नाला तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतही निगरानी, खोज एवं बचाव, माइन बिछाने, और लो-इंटेंसिटी समुद्री अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है; इसमें अत्याधुनिक सोनार और सेंसर लगे हैं।
- इतिहास और नामकरण: पोत का नाम महाराष्ट्र के ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम पर रखा गया है, जो मराठा नौसैनिक विरासत का प्रतीक है; पोत की क्रेस्ट पर ‘अर्नव शौर्यम’ अंकित है।
- रणनीतिक महत्व: INS अर्नाला की कमीशनिंग भारत की तटीय सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करती है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा देती है।
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