एल्युमीनियम और तांबा क्षेत्र के लिए विजन दस्तावेज जारी
- 05 Jul 2025
4 जुलाई 2025, हैदराबाद में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत के एल्यूमिनियम और तांबा विजन दस्तावेज़ जारी किए गए, जिनमें 2047 तक उत्पादन और मांग में छह गुना वृद्धि का रोडमैप प्रस्तुत किया गया।
मुख्य तथ्य:
- एल्यूमिनियम उत्पादन लक्ष्य: एल्यूमिनियम विजन दस्तावेज़ में 2047 तक एल्यूमिनियम उत्पादन को छह गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है; भारत वर्तमान में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा एल्यूमिनियम उत्पादक है, लेकिन वैश्विक उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी केवल 6% है।
- बॉक्साइट उत्पादन और रीसाइक्लिंग: बॉक्साइट उत्पादन क्षमता को 150 मिलियन टन प्रति वर्ष (mtpa) तक बढ़ाने, एल्यूमिनियम रीसाइक्लिंग दर को दोगुना करने, और कम-कार्बन तकनीकों को अपनाने का लक्ष्य है।
- तांबा मांग और क्षमता विस्तार: तांबा विजन दस्तावेज़ में 2047 तक तांबे की मांग में छह गुना वृद्धि का अनुमान है; 2030 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष स्मेल्टिंग और रिफाइनिंग क्षमता जोड़ने की योजना है।
- कच्चे माल की सुरक्षा और वैश्विक साझेदारी: तांबा विजन दस्तावेज़ में घरेलू रीसाइक्लिंग बढ़ाने, सेकेंडरी रिफाइनिंग को बढ़ावा देने, और वैश्विक साझेदारियों के माध्यम से विदेशी खनिज संपत्तियों की सुरक्षा पर बल दिया गया है।
- ऊर्जा संक्रमण और हरित प्रौद्योगिकी: एल्यूमिनियम और तांबा दोनों क्षेत्रों को स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, आधुनिक अवसंरचना, और हरित प्रौद्योगिकियों (जैसे EVs, सौर ऊर्जा) के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है; दोनों दस्तावेज़ व्यापक उद्योग परामर्श के बाद तैयार किए गए हैं।
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